स‍र्दी में बथुआ खाने के ये चमत्‍कारी फायदे जानकर, इसे खाए बिना नहीं रह पाएंगे आप

स‍र्दी में बथुआ खाने के ये चमत्‍कारी फायदे जानकर, इसे खाए बिना नहीं रह पाएंगे आप!

श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा, स्टेट डेस्क

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बथुआ एक वनस्पति है जो संपूर्ण देश में रबी फसलों के साथ खेतों में उगता है। छोटा-सा दिखने वाला हरा-भरा यह पौधा काफी फायदेमंद होता है। सर्दियों में इसका सेवन करने से कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है। बथुआ न सिर्फ पाचन शक्ति बढ़ाता है बल्कि अन्य कई बीमारियों से भी छुटकारा दिलाता है। यह एशिया समेत अमेरिका, यूरोप व ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है।

स‍र्दी के मौसम में बथुआ खाने के चमत्‍कारी फायदे हैं। यह औषधीय गुणों से भरपुर होता है। साथ ही यह कई बीमारियों के लिए रामबाण है। डाक्‍टरों की माने तो ठंड के मौसम में इसे हर उम्र के लोगों को सेवन करना चाहिए।

स्वास्थ्य के लिए होता है लाभप्रद

बथुआ के पत्ते कई पोषण गुणों से भरे होते हैं। यह आवश्यक खनिजों और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है। विटामिन ए, सी और बी जटिल विटामिन का एक पावरहाउस माना जाता है। इसके पत्ते अमीनो एसिड का भी एक अच्छा स्रोत है। सेल फंक्शन और सेल की मरम्मत में अमीनो एसिड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी कोशिकाओं, मांसपेशियों और ऊतकों का एक बड़ा हिस्सा अमीनो एसिड से बना है। बथुआ में आयरन, पोटाशियम, फॉस्फोरस और कैलिशयम जैसे खनिज भी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। फाइबर और पानी की मात्रा से भरपूर, बथुआ कब्ज को ठीक करता है और पाचन में सहायता करता है साथ ही आंतों की गतिविधियों को भी बढ़ाता है।

पथरी और कैंसर बीमारी से रखता है सुरक्षित

आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार बथुआ को नियमित सेवन करने से स्तन कैंसर की आशंका कम हो जाती है। इसमें मौजूद सेलिनियम, ओमेगा तीन और छह फैटी एसिड स्तन कैंसर रोधक होते हैं। यह आंखों की सूजन को भी दूर करता है। इसकी सब्जी खाने से खांसी, जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। कब्ज के साथ-साथ बवासीर, तिल्ली विकार और लिवर के विकारों में लाभ मिलता है। वहीं बथुआ के पत्ते में केरिवेल होता है, जो आतों के कीड़े एवं केंचुए को खत्म कर देता है।

बथुआ एक वनस्पति है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण ठंड के मौसम में इसका सेवन करने से कई रोगों को रोका जा सकता है। बथुआ में विटामिन ए, सी और बी के अलावा आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। डा. संतोष कुमार विश्वास, आयुर्वेदिक चिकित्सक, पीएचसी पंचगछिया

किसानों के के लिए बथुआ की खेती लाभप्रद साबित होगी। वर्तमान में बथुआ बाजार में 60 से 70 रुपए प्रति किलो बिक्री हो रही। न्यूनतम लागत में बथुआ की खेती की जा सकती है तथा किसानों को इस खेती से अत्यधिक मुनाफा मिल सकता है। -डा. पंकज कुमार, कृषि विज्ञानी , मंडन भारती कृषि महाविद्यालय अगवानपुर।

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