कोविड मरीजों का ऑक्सीजन लेवल सुधारने में मदद कर सकती है प्रोनिंग प्रक्रिया

कोविड मरीजों का ऑक्सीजन लेवल सुधारने में मदद कर सकती है प्रोनिंग प्रक्रिया

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

•स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रोनिंग प्रकिया के दिये टिप्स
•सांस लेने में परेशानी हो तो अपनाए यह प्रक्रिया

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):

छपरा जिले में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, लेकिन देशभर में ऑक्सीजन की भारी कमी भी देखने को मिल रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सांस लेने में जिन मरीजों को तकलीफ हो रही है, उनके लिए प्रोनिंग के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं। प्रोनिंग प्रक्रिया से कोरोना के मरीजों को अपना ऑक्सीजन लेवल सुधारने में काफी मदद मिल सकती है। खासकर वो मरीज, जो होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। प्रोनिंग किसी मरीज को पीठ घुमाकर सटीक व सुरक्षित तरीके से पेट के बल लाने की प्रक्रिया है, जिससे चेहरा नीचे की तरफ कर लेटने की मुद्रा में रहे।

क्या होती है प्रोनिंग:
प्रोनिंग एक तरह की प्रक्रिया है जिससे मरीज अपना ऑक्सीजन लेवल खुद ही मेनटेन कर सकता है। प्रोन पोजीशन ऑक्सीजनेशन तकनीक 80 परसेंट तक कारगर है। यह प्रक्रिया मेडिकली स्वीकार्य है, इसे पेट के बल लेटकर पूरी करना होता है।
इससे सांस लेने में सुधार होता है और ऑक्सीजन लेवल में सपोर्ट मिलता है।

सांस लेने में परेशानी हो तो अपनाए यह प्रक्रिया:
स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार इस प्रक्रिया को तब अपनाना है जब कोरोना मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और ऑक्सीजन लेवल 94 से कम हो जाए। अगर आप होम आइसोलेशन में हैं तो समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें। बुखार, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर भी समय-समय पर मापते रहें। समय पर सही प्रक्रिया के साथ प्रोनिंग कई लोगों की जान बचाने में मददगार है।

कैसे करें:

•प्रोनिंग प्रक्रिया के लिए मरीज को पेट के बल लिटा दें।
•गर्दन के नीचे एक तकिया रखें फिर एक या दो तकिए छाती और पेट के नीचे बराबर रखें और दो तकिए पैर के पंजे के नीचे रखें।
•30 मिनट से लेकर 2 घंटे तक इस पोजीशन में लेटे रहने से मरीज को फायदा मिलता है।
ध्यान रहे हर 30 मिनट से दो घंटे में मरीज के लेटने के पोजिशन को बदलना जरूरी है।

नहीं गिरता ऑक्सीजन लेवल:
इस प्रक्रिया में फेफड़ों में खून का संचार अच्छा होने लगता है। फेफड़ों में मौजूद फ्लूइड इधर-अधर होने लगता है। इससे लंग्स में ऑक्सीजन आसानी से पहुंचती रहती है। ऑक्सीजन का लेवल भी नहीं गिरता है।

कब न करें प्रोनिंग:
स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा कहा गया है कि खाना खाने के तुरंत बाद ही प्रोनिंग की प्रक्रिया न करें। खाना खाने के कम से कम एक घंटे बाद ही इस प्रक्रिया को अपनाएं।अगर आप गर्भवती (प्रेग्नेंट) हैं, गंभीर हृदय रोग (कॉर्डिएक कंडीशन) है तो भी इसे मत करें। शरीर में स्पाइनल से जुड़ी कोई समस्या है या फ्रैक्चर हो तो इस प्रक्रिया को न अपनाएं।

यह भी पढ़े

पुत्री के विदाई के बाद पिता का निकला जनाजा, शादी का माहौल मातम में छाया

कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार, हत्या का मुकदमा चलाया जाए: मद्रास हाइकोर्ट

तिलक समारोह में हुई हर्ष फायरिंग में बच्चे की मौत, परिजन समेत घर छोड़ कर भागा दूल्‍हा

आग लगने से दो गरीब परिवार के झोपड़ीनुमा घर जलकर हो गई खाक

पूर्व सांसद ओपी यादव ने सिद्धार्थ सिंह  हत्या कांड में एसपी से बात कर पीडित परिवार को न्‍याय दिलाने का किया मांग

Raghunathpur:एक साथ छह स्वास्थ्य कर्मी हुए कोरोना पोजेटिव.लाखो जनता भगवान भरोसे

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!