कोविड-19 और नियमित टीकाकरण दोनों जरूरी 

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नियमित टीकाकरण एवं उसके सर्विलांस को सुदृढ़ करने को लेकर जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का किया आयोजन:

गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को नियत समय पर नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराना पहली प्राथमिकता : डॉ साबिर

पूर्ण प्रतिरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग कृतसंकल्पित: डीआईओ

नवजात शिशुओं को विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी: डॉ सुमन कुंडुलना

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


नियमित टीकाकरण एवं उसके सर्विलांस को सुदृढ़ करने को लेकर जिला और प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के सभागार में किया गया। इस अवसर पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर, एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ नीरज कुमार निराला, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी आलोक कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसआरटीएल डॉ सुमन कुंडुलना एवं एसएमओ अनिसुर रहमान भुयान एवं यूनिसेफ़ के एसएमसी मुकेश गुप्ता, नियमित टीकाकरण के कार्य करने वाली चाई संस्था के प्रतिनिधि राहुल सोलंकी ज़िले के सभी एमओआईसी एवं नियमित टीकाकरण के नोडल अधिकारी, ज़िले  की सभी सीडीपीओ या उनके प्रतिनिधि महिला पर्यवेक्षिका, बीएचएम, बीएम एंड ईओ सहित कई स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मी शामिल हुए।

 

गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को नियत समय पर नियमित टीकाकरण सुनिश्चित कराना पहली प्राथमिकता: डॉ साबिर
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि नियमित टीकाकरण को सुदृढ़ करने को लेकर ज़िले के सभी प्रखंडों में पर्यवेक्षण के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है। नियमित टीकाकरण के कार्यो में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा शिथिलता बरतने की शिकायत मिल रही थी। ज़िलें में नियमित तौर पर लगातार कोविड-19 टीकाकरण अभियान तो चल ही रहा हैं। लेकिन साथ ही गर्भवती एवं धातृ महिलाओं और नवजात शिशुओं को नियमित टीकाकरण के लिए भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। ताकि गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं का ससमय नियमित टीकाकरण भी सुनिश्चित किया जा सके ।

 

पूर्ण प्रतिरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभाग कृतसंकल्पित: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 टीकाकरण के अलावा गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं के लिए नियमित टीकाकरण के तहत पूर्ण प्रतिरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृतसंकल्पित है। बच्चों को नियमित रूप से दिए जाने वाले टीकाकरण की शत प्रतिशत सफलता के लिए राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग एवं यूनिसेफ (एआईएच) के द्वारा प्रचार प्रसार किया जाता है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से सुदूरवर्ती इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।

 

नवजात शिशुओं को विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी: डॉ सुमन कुंडुलना
डब्ल्यूएचओ के एसआरटीएल डॉ सुमन कुंडुलना ने सभी प्रतिभागियों को बताया कि ज़िले में चलाये जा रहे नियमित टीकाकरण जैसे- जन्म के तुरंत बाद बीसीजी, हेपेटाइटिस, पोलियो, रोटा, पीसीवी, खसरा के साथ ही विटामिन- ए की खुराक नियमित रूप से लेना जरूरी ज़रूरी होता है। वही बच्चों में खसरा, डीप्थीरिया, निमोनिया, काली खांसी, हेपेटाइटिस, क्षय रोग, टेटनस, पोलियो, जापानी इंसेफेलाइटिस, डायरिया सहित कई अन्य मामलों के बढ़ने की संभावना बढ़ सकती है। इसीलिए नियमित टीकाकरण का सुदृढीकरण जरूरी होता है।

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