प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को दिया गया कोविड-19 का टीका
तीज पर्व के कारण प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का 09 की जगह 13 सितंबर को आयोजन:
जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में गर्भवतियों की हुई निःशुल्क विशेष प्रसव पूर्व जांच:
कोविड से स्थाई निजात के लिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज (बिहार):
जिले में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बना रहा है। इसी क्रम में सोमवार को जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवतियों के लिए भी टीकाकरण का आयोजन हुआ। गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रत्येक महीने के 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया जाता था किन्तु तीज पर्व होने के कारण 13 सितंबर को आयोजित किया गया। जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लाभार्थियों ने टीका लिया। इस क्रम में सभी पीएचसी व आउटरीच सेंटर्स पर महिलाओं की एएनसी जांच भी की गयी। ताकि, माताएं अपने गर्भस्थ शिशु की शारीरिक स्थिति से अवगत हो सकें। हालांकि, गर्भवतियों को टीकाकृत करने के निर्णय के बाद आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गर्भवती महिलाओं को उनके या बच्चे के स्वास्थ्य पर कोविड 19 की संभावित जटिलताओं, जोखिमों व टीकाकरण के लाभों के बारे में बताया गया। जिसकी बदौलत एक बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं टीकाकरण को राजी हुईं।
भ्रांतियों के डर से नहीं ले रही थी टीका:
कोचाधामन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीका लेने के बाद की गर्भवती फरहत जहा, रोफुया ,दिल अफरोज, सबिस्ता खातून आदि ने बताया, पूर्व में टीकाकरण को लेकर काफी भ्रांतियां फैली हुईं थी। जिसके कारण वह टीका लेने से डर रही थी कि कहीं टीका का दुष्प्रभाव उनके बच्चे पर न पड़ जाए। साथ ही, परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें टीका लेने से मना कर रहे थे। टीकाकरण को लेकर जितने मुंह उतनी बात से वो परेशान रही। हर कोई टीका नहीं लेने के लिए अपनी अपनी दलील देता रहता था। जिनपर विचार करने के बाद, उन्हें भी डर लगने लगा था। टीका लेने से उन्हें यह डर था कि कहीं उनके उनके बच्चे का भ्रूण खराब न हो जाए। लेकिन, जब दोनों लाभार्थियों को आशा कार्यकर्त्ता ने सरकार के निर्देश व विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बारे में बताया, तब जाकर उनके मन से टीका की भ्रांतियां दूर हुईं।
ट्रायल और लर्निंग बेसिस पर रही टीकाकरण की प्रक्रिया: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि कोविड-19 टीका गर्भवती महिलाओं और उनके होने वाले बच्चे दोनों के लिए बिल्कुल सुरक्षित है। टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया ट्रायल और लर्निंग बेसिस पर चली। जैसे जैसे वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने शोध किये वैसे वैसे टीकाकरण के नियमों में बदलाव होते रहे। इसी क्रम में विशेषज्ञों ने शोध किया कि गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 संक्रमण से गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आ सकती है और यह भ्रूण को भी प्रभावित कर सकता है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के लाभ इसके संभावित जोखिमों से कहीं अधिक हैं। जिसे देखते परिवार एवं कल्याण मंत्रायल की सिफारिश पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने गर्भवतियों को टीकाकृत करने का निर्णय लिया। कोविड-19 टीका लगाने से महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने के साथ ही उनके बच्चे में भी इसका विकास होगा। गर्भावस्था में महिलाओं को विभिन्न तरह की समस्याओं से गुजरना होता है। ऐसे में अगर गर्भवती महिलाओं द्वारा कोविड-19 टीका लगाया जाता है तो उसे बीमारियों से लड़ने में आसानी होगी। अगर कोई महिला गर्भकाल के दौरान कोविड-19 की शिकार होती है तो उन्हें चिकित्सक से संपर्क कर जरूरी उपचार कराना चाहिए। जैसे ही महिला संक्रमण से सुरक्षित होती हैं तो तुरंत उसे कोविड-19 टीका लगा लेना चाहिए। टीका लगाने से गर्भवती महिला के होने वाले बच्चे में भी संक्रमण का अंश खत्म हो जाता है। गर्भवती महिलाओं की तरह ही माहवारी के समय में भी महिलाएं कोविड-19 टीका लगा सकती हैं। कोविड-19 टीका का प्रभाव महिलाओं के माहवारी के दौरान होने वाले हार्मोन्स सम्बन्धी बदलाव में नहीं होता। टीका लगाने के पश्चात किसी को भी हल्का बुखार, सर दर्द, हाथों में इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द आदि महसूस हो सकता है लेकिन टीकाकरण के बाद यह सामान्य है। हल्का बुखार, सर दर्द आदि कोविड-19 टीका के आपके शरीर में असर दिखाने के ही लक्षण हैं। इसलिए इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
कोविड से स्थाई निजात के लिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कोविड संक्रमण वायरस से स्थाई निजात के लिए वैक्सीन की पूरी यानी दोनों डोज बेहद जरूरी है। क्योंकि, हम एक डोज से इस महामारी से स्थाई निजात नहीं पा सकते हैं। इसलिए, मैं तमाम लोगों से अपील करता हूँ कि बेहिचक वैक्सीन की दोनों डोज लें और इस महामारी से खुद को सुरक्षित करें। यह समाज के हर तबके के हर लोगों की जिम्मेदारी भी है। वैक्सीन पूरी तरह से ना सिर्फ सुरक्षित है बल्कि, काफी प्रभावी भी है। इसलिए, लोगों को मौका मिलते ही इसे जीवन का बेहतर अवसर समझकर वैक्सीन लेनी चाहिए।
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