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भारत में आतंकवाद के खिलाफ मिला कुवैत का साथ - श्रीनारद मीडिया

भारत में आतंकवाद के खिलाफ मिला कुवैत का साथ

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रक्षा समेत चार अहम समझौते हुए

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीमा पार से आतंकवाद के खिलाफ खाड़ी क्षेत्र का एक और देश भारत के साथ आ खड़ा हुआ है। यह देश कुवैत है, जिसका दो दिवसीय दौरा समाप्त कर पीएम नरेन्द्र मोदी रविवार देर रात स्वदेश लौटे। इस दौरान मोदी ने कुवैत प्रशासन की तीनों शीर्ष शख्सियतों अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा, क्राउन प्रिंस शेख सबा अल-खालीद और पीएम शेख अहमद अल-अबदुल्ला से अलग-अलग मुलाकात की।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का साथ देने का एलान

संयुक्त बयान में भारत और कुवैत ने सीमा पार समेत हर तरह के आतंकवाद की निंदा की है और आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों और उन्हें वित्तीय मदद देने वाली व्यवस्था को खत्म करने की मांग की। कुवैत ने हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ सहयोग का एलान किया। भारत लगातार पड़ोसी देश पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाता है और यह संयुक्त बयान पाकिस्तान पर निशाना है।

कुवैत होगा रणनीतिक साझेदार

आतंकवाद के मुद्दे पर भारत को खाड़ी क्षेत्र के संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों का भी समर्थन मिलता रहा है। 43 वर्षों बाद कुवैत पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी ने खाड़ी देश की अपनी यात्रा के दौरान चार दशकों की भरपाई करने की पूरी कोशिश की है।रविवार को दौरे के दूसरे दिन मोदी की अमीर शेख मेशाल, क्राउन प्रिंस और वहां के पीएम से मुलाकातों के बाद बताया गया कि कुवैत खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक और रणनीतिक साझेदार देश होगा। इस क्षेत्र में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ भारत पहले ही विशेष रणनीतिक साझेदारी स्थापित कर चुका है।

ऐतिहासिक समझौता भी हुआ

कुवैत और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में व्यापक सहयोग करने को लेकर एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। कुवैत खाड़ी के देशों के संगठन जीसीसी का अगले महीने अध्यक्ष बनने जा रहा है और माना जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद समग्र तौर पर जीसीसी के साथ भारत के रिश्तों में और मजबूती आएगी।

बायान महल में हुई पीएम मोदी की बैठक

कुवैत प्रशासन में सत्ता के सबसे उच्च स्तर पर आसीन मेशाल के साथ पीएम मोदी की यह पहली बैठक थी जोकि प्रसिद्ध बायान महल में हुई। यहीं पर दोनों के बीच भारत और कुवैत के मौजूदा रिश्तों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने की सहमति बनी। कुवैत में रहने वाले 10 लाख भारतीयों की खासतौर पर देखभाल करने के लिए पीएम मोदी ने मेशाल को धन्यवाद कहा।कुवैत ने मांगी भारत से मदद

कुवैत सरकार ने अपने देश की प्रगति के लिए वर्ष 2035 की एक योजना तैयार की है और इसमें भारत से हर तरह की मदद मांगी है। इसके बाद मोदी की क्राउन प्रिंस से मुलाकात हुई जिसमें दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र जैसी एजेंसियों में करीबी सहयोग स्थापित करने पर बात हुई। अंत में मोदी की कुवैत के अपने समकक्ष अल-अबदुल्ला से मुलाकात हुई। इसमें कारोबार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।

मोदी ने दिया भारत में निवेश का न्योता

मोदी ने इस बैठक में कुवैती इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (केआइए) को भारत के रक्षा, ऊर्जा, फार्मा, फूड पार्क जैसे अपार संभावनाओं वाले क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। केआइए के पास नवंबर, 2024 तक 970 अरब डॉलर का फंड है। यह दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी फंड प्रबंधन कंपनी है जिसने अमेरिका व यूरोप की प्रमुख कंपनियों में निवेश किया है।

चार समझौतों पर हस्ताक्षर

सनद रहे कि इसके पहले मोदी ने यूएई की सोवरेन फंड को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई थी। सोवरेन फंड भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। दोनों प्रधानमंत्रियों के समक्ष भारत व कुवैत के बीच चार समझौते हुए। इसमें सबसे अहम रहा रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने वाला समझौता। अन्य समझौते खेल, संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने से संबंधित रहे।

शोध और विकास का रास्ता खुलेगा

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस समझौते से संयुक्त सैन्य अभ्यास और रक्षा क्षेत्र में साझा शोध व विकास का रास्ता खुल गया है। इस तरह से भारत दुनिया के बेहद गिने-चुने देशों में है जिनका खाड़ी क्षेत्र के कई देशों के साथ रक्षा संबंध हैं और इनके साथ मिलकर भारत अलग-अलग सैन्य क्षेत्रों में सहयोग स्थापित कर रहा है। पीएम मोदी ने उक्त तीनों नेताओं को भारत आने के लिए आमंत्रित किया है।

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