लद्दाख बना देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश जहां पूरी आबादी को लगी कोविड रोधी वैक्सीन.
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क
लद्दाख देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जहां कोविड रोधी वैक्सीन की पहली डोज पूरी आबादी को लगाई जा चुकी है। यही नहीं यहां पर बाहर से आए लोगों का भी टीकाकरण हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक लद्दाख में रहने वाले सभी लोगों (मूल निवासियों, प्रवासी मजदूरों, होटल कर्मचारियों, नेपाली नागरिकों और आजीविका के लिए काम कर रहे सभी लोगों) को कोविड रोधी वैक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है।
दूसरे चरण में भी बनने जा रहा रिकॉर्ड
अधिकारियों के मुताबिक लद्दाख में दूसरे चरण में भी टीकाकरण का रिकार्ड बनने जा रहा है। दूसरे चरण में करीब 66 फीसद लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इस केंद्र शासित प्रदेश में महामारी पर स्वास्थ्य कर्मियों का हौंसला भारी पड़ रहा है। लेह कारगिल शहरों के साथ स्वास्थ्य कर्मी दूरदराज में लोगों को टीका लगाने के लिए पर्वत, नदी, नाले लांघ रहे हैं। लद्दाख के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लद्दाख ने पहले चरण में 100 फीसद वैक्सीनेशन का लक्ष्य हासिल करते हुए 18 साल से ऊपर के सभी 89,404 लोगों का टीकाकरण कर लिया है।
तीन महीने में हासिल किया लक्ष्य
अधिकारियों की मानें तो दूसरे चरण में भी करीब 63 हजार लोगों को कोविड रोधी वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। बड़ी बात यह कि यह लक्ष्य तीन महीने में हासिल कर लिया गया है। लेह जिले में 51,150 लोगों को कोरोना संक्रमण रोधी वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि अगस्त महीने तक बाकी बचे 38 हजार लोगों को भी दूसरी डोज लगाने की तैयारी है। लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नाम्गयाल कहते हैं कि लद्दाख के लोगों की सहभागिता और केंद्र सरकार के सहयोग से ही यह गौरव हासिल किया जा सका है।
41.10 करोड़ डोज मुहैया कराई गई
वहीं केंद्र सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब तक कोरोना रोधी वैक्सीन की 41.10 करोड़ डोज मुहैया कराई जा चुकी हैं। इसके साथ ही जल्द ही इन्हें 52 लाख डोज और मिल जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे तक के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इनमें से 38.58 करोड़ से ज्यादा डोज का उपयोग किया गया है। इस तरह अभी इनके पास 2.51 करोड़ डोज बची हुई हैं।
किस राज्य में लगे कितने टीके
महाराष्ट्र 5.70 लाख
उत्तर प्रदेश 3.71 लाख
बंगाल 2.95 लाख
गुजरात 2.60 लाख
बिहार 2.13 लाख
पंजाब 1.62 लाख
हरियाणा 1.39 लाख
झारखंड 1.26 लाख
राजस्थान 1.20 लाख
जम्मू-कश्मीर 0.59 लाख
हिमाचल 0.26 लाख
देश में 37,74,666 डोज दी गईं
वहीं कोविन प्लेटफार्म पर शाम छह बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक देश में शुक्रवार को कोविड रोधी वैक्सीन की 37,74,666 डोज दी गईं। देश में अब तक कुल 39.43 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 31.49 करोड़ लोगों को पहली और 7.93 करोड़ लोगों को दूसरी डोज दी गई हैं। शुक्रवार को कुल 37,033 केंद्रों पर टीके लगाए गए, जिनमें 35,010 सरकारी और 2,023 निजी केंद्र शामिल हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ संक्रमण और वैक्सीन के चलते पैदा होने वाली एंटीबाडी कितने समय तक आपके शरीर में बनी रहेगी इसके बारे में कुछ महीनों में पता चल जाएगा। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने यह बात कही, साथ ही यह भी जोड़ा कि एंटीबाडी का जीवनकाल उसके वर्ग और प्रकार पर निर्भर करेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक एंटीबाडी विभिन्न तरह की हैं और सभी की अलग-अलग उम्र है। यह देखने में आया है कि पिछले साल जो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, उनमें से कई को दोबारा कोरोना हो गया।
आइजीएम और आइजीजी एंटीबाडी का व्यापक समूह है और इनके अंदर भी कई समूह हैं। शरीर में जब कोई वायरस प्रवेश करता है तो सबसे पहले आइजीएम एंटीबाडी सक्रिय होती है। आजीजी एंटीबाडी देर से बनती है और ज्यादा समय तक टिकी रहती है। मेदांता अस्पताल के इंस्टीट्यूट आफ चेस्ट सर्जरी विभाग के चेयरमैन डा. अरविंद कुमार ने कहा कि अलग-अलग तरह की एंटीबाडी होती हैं और सबकी अपनी उम्र होती है।
कोरोना वायरस या वैक्सीन अलग-अलग वर्ग और प्रकार की एंटीबाडी पैदा करती हैं। हर एंटीबाडी की अपनी उम्र होती है और उससे ज्यादा कोई भी नहीं बनी रहती है। उन्होंने कहा कि हमें अगले कुछ महीनों में पता चल जाएगा कि क्या कोरोना एंटीबाडी छह या एक साल से ज्यादा समय तक बनी रहती है। एंटीबाडी क्या है एंटीबाडी तरह की प्रोटीन है। जब शरीर में कोई वायरस या बैक्टीरिया प्रवेश करता है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यह प्रोटीन बनाती है।
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