लक्ष्मीपुर यूपीएससी का दो सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम के द्वारा एनक्यूएएस मानकों के प्रमाणीकरण को लेकर किया गया अंकेक्षण

लक्ष्मीपुर यूपीएससी का दो सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम के द्वारा एनक्यूएएस मानकों के प्रमाणीकरण को लेकर किया गया अंकेक्षण:

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सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकताओं में करें शामिल: डॉ जगजीत सिंह

यूपीएससी में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):


भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष – 2016 में एमक्यूएएस लागू किया गया था। जिसका लक्ष्य सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण सेवाओं को सुनिश्चित करना राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) का मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि इसका निर्माण विभिन्न स्तरों पर स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी और मूल्यांकन के लिए मानक स्थापित करने के लिए किया गया है।

 

उक्त बातें यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह ने शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएससी) का राज्य स्तरीय मूल्यांकन कार्यक्रम के दौरान उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा। आगे उन्होंने यह भी कहा कि एनक्यूएएस के तहत अस्पतालों को मरीजों की सुरक्षा, रोगी देखभाल, बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन और प्रबंधन प्रणालियों से संबंधित मापदंडों को पूरा करना होता है। यह मानक न केवल सेवा वितरण को मानकीकृत करता है, बल्कि मरीजों के अनुभव को भी बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।

 

यूपीएससी में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (एनक्यूएएस) को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ- साथ वैश्विक स्तर पर रोगियो के लिए विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। हालांकि एनक्यूएएस वर्तमान समय में जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के तहत आठ प्रकार जैसे- सेवा प्रावधान, रोगी अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, नैदानिक ​​देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम को मुख्य रूप शामिल किया गया है। जिसको लेकर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मीपुर का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण कराने के लिए राज्य स्तरीय मूल्यांकन टीम के सदस्य यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह और राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नामित प्रतिनिधि रमेश चंद्र कुमार के द्वारा संयुक्त रूप से अंकेक्षण किया गया है। क्योंकि इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, संसाधनों का प्रभावी उपयोग करना और मरीजों के साथ संचार को मजबूत करना है। सबसे अहम बात यह है कि एनक्यूएएस का कार्यान्वयन अस्पतालों में सुधार को प्रोत्साहित करता है और स्वास्थ्य प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ाता है। साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणवत्ता के मानकों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मरीजों को बेहतर और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है।

 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित दो सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम के द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के प्रमाणीकरण को लेकर किया गया अंकेक्षण: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) विशाल कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के दिशा निर्देश और सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद के मार्ग दर्शन में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक को आधार बनाकर पर तैयारी पूरी की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले सभी तरह के मरीज़ों को दी जाने वाली सुख सुविधाओं को धरातल पर उतारने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास करता हैं। क्योंकि शिशु मातृ मृत्यु दर को कम करने के साथ ही नियमित टीकाकरण, चिकित्सीय परामर्श, दवा के साथ ही शांत एवं स्वच्छ वातावरण का होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को कई अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा सहयोग भी किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नामित दो सदस्यीय टीम के द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के अनुपालन की स्थिति को लेकर विस्तार पूर्वक अवलोकन किया गया। जिसमें विभागीय स्तर पर मरीजों को मिलनी वाली स्वास्थ्य सुविधाएं और यूपीएससी अपने एनक्यूएएस के मानकों पर खड़ा उतरने में कितना सक्षम साबित हो रहा है। हालांकि अभी भी कुछ कार्यों को पूरा करना है। मानकों के आधार पर खड़ा उतरने के लिए जल्द से जल्द अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

 

इस अवसर पर राज्य स्तरीय टीम में शामिल यूनिसेफ के राज्य सलाहकार डॉ जगजीत सिंह और विभागीय स्तर पर नामित सदस्य रमेश चंद्र कुमार, डीपीएम विशाल कुमार, डीपीसी इमामुल होदा, डीसीक्यूए डॉ कुमार अभिमन्यु, सदर पीएचसी के एमओआईसी डॉ नेसार, बीएचएम महम्मद गुलाब रब्बानी, लेखापाल अमित कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के राकेश कुमार अकेला और सीएफएआर के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित स्थानीय यूपीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी, स्टाफ नर्स, एएनएम, आशा फेसिलेटर और आशा कार्यकर्ता सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।

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