पत्रकार वार्ता में छलका दर्द ललितेशपति त्रिपाठी का, बोले – जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर रहा है कांग्रेस आलाकमान
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / कमलापति त्रिपाठी के प्रप्रौत्र ललितेशपति त्रिपाठी ने हाल ही में कांग्रेस में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। इसके बाद उनका कोई भी बयान सामने नहीं आया था। ऐसे में गुरुवार को मिर्ज़ापुर की मड़िहान सीट से पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने वाराणसी में अपने पुश्तैनी मकान औरंगाबाद हॉउस में एक प्रेस कांफ्रेंस कर सभी कयासों से पर्दा हटा दिया।
ललितेशपति त्रिपाठी ने बताया कि मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि मेरे मन के भीतर किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है और ना ही मन में कोई गांठ हैं। बहुत तकलीफ होती है जब कांग्रेस के हज़ारों समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार और नज़रअंदाज़ होते हुए देखता हूं, इसलिए यह कदम उठाना पड़ा।
ललितेशपति त्रिपाठी ने आगे कहा कि पार्टी ने बुरे वक़्त में साथ देने वाले कैडर को नज़रअंदाज़ किया है वहां सांसद, विधायक और नेता बने रहने के लिए मेरा ज़मीर गवाही नहीं दे रहा था। 100 वर्षों से हमारा कांग्रेस के साथ इतिहास है और औरंगाबाद हॉउस ने कई आंदोलन की गवाही दी है।
उन्होंने कहा कि मेरा यह निर्णय किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है। में किसी दल में शामिल होकर त्वरित राजनीतिक लाभ के लिए पार्टी नहीं छोड़ रहा हूँ बल्कि एक वृहद् परिदृश्य को देखते हुए यह फैसला लिया है।
ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि मुझे क्रिकेट का शौक है और इस खेल में पिच पर दो तरह के बल्लेबाज़ उतारते हैं। एक जो रन बनाता है और एक टाइम पास करता है, तो मुझे रन बनाना है टाइमपास नहीं करना। मै टाइमपास करने के लिए राजनीति से नहीं जुड़ा। मै जनता की आकाँक्षाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने में असमर्थ महसूस कर रहा था। मैंने अपना अलग रास्ता बनाने का निणय लिया है।
इसके अलावा उन्होंने किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन करने की अफवाहों का भी खंडन किया और कहा कि ऐसा कुछ नहीं है मै किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं।