बिहार में भूमि सुधार उप-समाहर्ता मैत्री सिंह हुई निलंबित

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मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब हुई बाद में 255 फाइलें आ गई

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार सरकार ने डीसीएलआर पद से मैत्री सिंह को निलंबित कर दिया है. मैत्री सिंह पर प्रशासन विभाग ने यह कार्रवाई की है. सामान्य प्रशासन विभाग ने पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह को निलंबित करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है. जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने उनके निलंबन की अनुशंसा की थी. पूर्व डीएसएलआर पर आरोप था कि स्थानांतरण के बाद भी उन्होंने सरकारी फाइलें अपने साथ ले जाकर बैक डेट में निपटारा किया है. इनमें अधिकतर मामले दाखिल-खारिज और भूमि विवाद से संबंधित थे.

जांच में आरोप को सही पाया गया

पूर्व डीसीएलआर पर यह भी आरोप था कि उनके कार्यालय में दलालों के माध्यम से काम करवाया जाता था. 30 अक्टूबर को उनका स्थानांतरण हो गया था, लेकिन वह लगभग 500 फाइलें अपने साथ ले गई थीं. यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आने पर डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई गई. कमेटी ने जांच के बाद इन आरोपों को सही पाया और कार्रवाई की अनुशंसा की. इसके बाद जिलाधिकारी ने उनके निलंबन की सिफारिश की. इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पटना प्रमंडल कार्यालय निर्धारित किया गया है.

पैसे लेकर बैकडेट में कराती थी काम

पटना के जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर हुई जांच में पता चला था कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी थीं. बाद में उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अभी भी लापता हैं. इन फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित किए जाने की आशंका है. इससे पहले, डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं. जांच में यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं. मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं. वहीं उन्हें अब निलंबित कर दिया गया है.

पटना सदर की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह ने 22 अक्टूबर को तबादला हो जाने के बाद दाखिल-खारिज के लंबित 255 मामलों का निबटारा कर दिया. बैकडेट में हुए इन दस्तावेजों के निष्पादन का मामला अब उजागर हुआ है. इतना ही नहीं, स्थानांतरण के बाद वह 700 के करीब सरकारी दस्तावेज भी अपने साथ ले गईं. इन मामलों के खुलासे के बाद अब पटना सदर की पूर्व जिला भू-अधिग्रहण पदाधिकारी मैत्री सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में घिर गई हैं.

विभाग के अपर सचिव को लिखा गया पत्र

जांच समिति के सदस्यों को यह भी पता चला है कि कार्यालय से कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी गायब हैं. डीएम ने मैत्री सिंह के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. मैत्री सिंह वर्तमान में विश्वविद्यालय सेवा आयोग में विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर तैनात हैं. यह पहली बार नहीं है जब पटना में किसी डीसीएलआर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. पिछले साल भी दानापुर के डीसीएलआर को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था. पटना में डीसीएलआर कार्यालय में भ्रष्टाचार का यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है.

700 से अधिक फाइलें गायब

पटना के जिलाधिकारी (डीएम) के निर्देश पर हुई जांच में पता चला कि मैत्री सिंह कार्यालय से 700 से अधिक फाइलें गायब कर चुकी हैं. जांच समिति की रिपोर्ट के बाद उन्होंने 255 फाइलें लौटा दीं, लेकिन 451 फाइलें अब भी लापता हैं. बताया जाता है कि जमीन संबंधी इन लंबित फाइलों में भी बैकडेट में आदेश पारित करने की योजना थी. इससे पहले, डीएम के जनता दरबार में कई लोगों ने शिकायत की थी कि मैत्री सिंह के दलाल दाखिल-खारिज के लिए पैसे लेकर बैकडेट में काम करवाने का दबाव बना रहे हैं.

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