खुद हंसें और दूसरों को हंसाएं, हंसते रहना है बहुत कारगर.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
विश्व हँसी दिवस
कोरोना काल में हर तरफ अवसाद पसरा हुआ है। किसी को अपनों को खाेने का गम है तो कोई स्वयं संक्रमित होने से निराश है। डर और दहशत का माहाैल है और लोग घरों में कैद हैं। बदइंतजामियों के बीच सभी को चिंता सता रही है। इम्यूनिटी बढ़ाने को लोग आयुर्वेद के नुस्खे अपनाने के साथ दवाओं का सहारा ले रहे हैं। अच्छी इम्यूनिटी को तनावमुक्त रहना भी बहुत जरूरी है, इसलिए हंसें और हंसाएं। मेडिकल साइंस भी इस बात को मानता है।
‘हास्य दिवस’ का ‘विश्व दिवस’ के रूप में प्रथम आयोजन 11 जनवरी, 1998 को मुंबई में किया गया था। ‘विश्व हास्य योग आंदोलन’ की स्थापना का श्रेय डॉ. मदन कटारिया को जाता है। ‘विश्व हास्य दिवस’ का आरंभ संसार में शांति की स्थापना और मानवमात्र में भाईचारे और सदभाव के उद्देश्य से हुआ है। इस दिवस की लोकप्रियता ‘हास्य योग आंदोलन’ के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गई। आज पूरे विश्व में छह हज़ार से भी अधिक हास्य क्लब हैं। इस मौके पर विश्व के बहुत से शहरों में रैलियां, गोष्ठियां एवं सम्मेलन आयोजित किये जाते हैं
आज विश्व हास्य दिवस हैै। कोरोना काल से पूर्व पार्कों में मार्निंग वाक करते हुए आपने लोगों को जमकर ठहाके लगाते हुए देखा होगा। उन्हें ऐसा करते देख यह सवाल मन में जरूर कौंधा होगा कि यह लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? कोरोना काल में लोगों के चेहरों से हंसी कहीं गायब सी हो गई है। चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंची हुई हैं। तनाव मानव जीवन का अभिन्न अंग जरूर है, लेकिन उससे भी महत्वपूर्ण है कि हम रिएक्ट कैसे करते हैं। नकारात्मक ऊर्जा मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालती है, इसलिए सकारात्मक रहें। सकारात्मक रहेंगे तो इम्यूनिटी भी बेहतर रहेगी। कोरोना से बचाव को इम्यूनिटी अच्छी होना बहुत जरूरी है। तनाव होने पर शरीर को आक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ती है, जिससे फेफड़ों पर अधिक जोर पड़ता है। मेडिकल साइंस कहती है कि हंसने से हमारा ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। इससे हम कई बीमारियों से बचे रह सकते हैं, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर बना रहेगा। इम्यून सिस्टम मजबूत रहेगा तो हम कम बीमार पड़ेंगे।
तनाव में क्या करें
-तनाव है तो अपने मित्रों के साथ समय बिताएं। उनके साथ परेशानी को साझा करें।
-कंस्ट्रक्टिव वर्क करें।
-अपना पसंदीदा काम करें। किताबें पढ़ें, म्यूजिक सुनें, पेंटिंग बनाएं।
-अपनी हाबी के लिए समय निकालें।
-योग व ध्यान करें।
-कारोबारी समय को स्वीकारते हुए वास्तविक लक्ष्य रखें, बड़े लक्ष्य इस समय नहीं रखें।
जब हम हंसते हैं या लाफ्टर थेरेपी लेते हैं तो मस्तिष्क में बदलाव आता है। एंडोर्फिन हार्मोन सक्रिय होकर हमें तनाव से मुक्त कर आनंद की अनुभूति कराता है। अच्छी इम्यूनिटी के लिए तनावमुक्त रहना जरूरी है। लाफ्टर थेरेपी अकेले या फिर शारीरिक दूरी का पालन करते हुए ग्रुप में करने से तनाव मुक्त होने में मदद कर सकती है।
ये भी पढ़े…
- आखिर राज्यों में स्वास्थ्य व्यवस्था क्यों धराशायी हो गई?
- सिविल सेवक में दूसरे की भावनाओं को समझने की क्षमता होनी चाहिए.
- दुनिया भर के फिल्म निर्माताओं और दर्शकों पर सत्यजित राय ने छोड़ा अमिट प्रभाव.
- बाहुबली मो.शहाबुद्दीन के राजनीतिक जीवन का 13 साल बाहर व 18 साल जेल में गुजरा।
- बाहुबली मो.शहाबुद्दीन तीन दशक तक चर्चित रहे.
- बिहार में कोरोना ने मचाया हाहाकार, उजड़ने लगे घर.
- बिहार में लगातार तीसरे दिन 13 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले.