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मॉरिसस दिवस प जानीं ऑपरेशन लाल डोरा.

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ऑपरेसन लाल डोरा ( डौरा ) : मॉरिसस में भारत के अब तक के सबसे बड़ सफलता

मॉरिसस दिवस प एगो जानकारी जवना के कम चर्चा होला 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सन 1983 में मॉरिसस प, आ खास क के मारिसस में भारतवंशियन के अस्तित्व के संकट आ गइल रहे । कुछ विद्रोही संगठन पाल बरगेनर के नेतृत्व में मॉरिसस के सत्ता प एक तरह से हमला क देले रहे आ ओह विद्रोहियन के निशाना भारतवंशी लो रहे । ओह घरी मारिसस के प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ रहले।

पाल बरगेनर के डिमांड रहे कि क्रियोल के राष्ट्रीय भाषा के दरजा दिहल जाउ फ्रेंच लीड रोल में रहे भारतवंशी लोगन के अधिकार कम से कम होखे, चाहें उ मॉरिसस के सत्ता होखे भा मॉरिसस में रोजगार-व्यव्साय भा सांस्कृतिक पहिचान होखे । एक तरह से मॉरिसस के सत्ता प कब्जा ही ना मॉरिसस से भारतवंशियन के समूल नष्ट करे के योजना रहे ।

अनिरुद्ध जगन्नाथ से इंदिरा गांधी से बात भइल फेर भारतीय सेना ( थल सेना आ भारतीय नेवी ) के आदेस मिलल एह विद्रोह के शांत करे खातिर । सेना तैयार रहे । बाकिर इंदिरा गांधी एगो रिस्क लेहली आ ‘ रा (RAW) ‘ के जिम्मे कुटनिती से एह आपरेसन के अंजाम देबे के जिम्मा दियाइल । कारण रहे कि डायरेक्ट हमला से हो सकत रहे कि विश्व के अन्य राष्ट्र के सहयोग विद्रोहियन के मिल जाइत।

नतीजा , रा के टीम गइल आ आपरेसन लाल डोरा के सफल अंजाम देहलस । आज मॉरिसस में भारतवंशी लो सत्ता से ले के व्यपार रोजगार में हर जगह आगे बा । रा टीम के लीड करत रहले रा के चीफ नौशर एफ संटूक ।

अनिरुद्ध जगन्नाथ जी अगिला दस साल मारिसस के पीएम रहले । एह सफल ऑपरेसन के चर्चा बहुत कम होला काहें कि एह के सफलता में खुन ना बहल रहे । रा के क गो सफलता में से एगो सफलता इहो रहे ।

एह घटना के विदेश के क गो मिडिया आ देश भारत के एशिया से बहरी बढत प्रभुत्व के रुप में भी देखल गइल रहे, बहुत आलोचनो भइल रहे बाकिर जवना टेक्टिस से एह पुरा ऑपरेसन के अंजाम दिहल गइल , इ सांचो अदभुत रहे आ विश्वास जोग ना रहे । बहुत कम चर्चा होला बाकिर इ एगो सफल ऑपरेसन रहे ।

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