हाई स्कूल के विद्यार्थियों के बीच हुआ एलइपी किट का वितरण,छात्रों में खुशी
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा के उन्नयन की दिशा में अनेक महत्वपूर्ण पहल की जा रही है। पहले शिक्षा विभाग द्वारा प्रारंभिक स्कूलों में गतिविधियों पर आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने के एफएलएन किट और टीएलएम उपलब्ध कराया गया है। प्रारंभिक विद्यालयों में खासकर प्राइमरी सेक्शन में खेल-खेल में शिक्षा देने यानी सिखाने और सीखाने गतिविधियों पर फोकस किया जा रहा है। अब सरकार हायर सेक्शन में भी कुछ ऐसा प्रयोग कर रही है जिसका व्यवहारिक पक्ष काफी सशक्त है।
इसी क्रम में सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जगतपुरा में विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मांझी की अध्यक्षता में नौवीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक 208 बच्चों के बीच एलइपी किट का वितरण किया गया। समारोह पूर्वक आयोजित इस एलइपी वितरण कार्यक्रम में नौवीं कक्षा के 61,दसवीं कक्षा के 62, ग्यारहवीं कक्षा के 55 और बारहवीं कक्षा के 30 विद्यार्थियों के अधिगम संवर्धन कार्यक्रम का किट वितरण हुआ।
किट के शामिल सामग्री से परिचय कराते हुए डॉ तौकीर अहमद जान, डॉ जीतेंद्र कुमार,नूर मोहम्मद, गायत्री सिंह आदि ने बताया कि इसके अंतर्गत उपलब्ध सामग्री यथा- इंस्ट्रूमेंट बॉक्स, कलम, हिंदी इंग्लिश डिक्शनरी, कॉपी तथा एटलस मौजूद है। इस किट में दो आवश्यक वस्तुएं काफी महत्वपूर्ण है- एक डिक्शनरी और दूसरा एटलस। दुनिया को समझने के लिए एटलस बहुत ही महत्वपूर्ण है। एटलस के अंतर्गत दी गई भौगोलिक, प्राकृतिक एवं राजनीतिक मानचित्र का अध्ययन कर बहुत सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक डॉ जितेंद्र कुमार, दीपक कुमार, अरविंद कुमार, मनोज कुमार, प्रिंस कुमार सिंह ,शैलेश कुमार, अवधेश कुमार, मुकेश कुमार, दीपक द्विवेदी, मुकेश कुमार गुप्ता , रूबी , माला कुमारी, देवांती कुमारी, सुरभि सिंह सहित तमाम शिक्षक और शिक्षिका उपस्थित थे।
वहीं डीपीओ एसएसए अशोक कुमार पांडेय ने बच्चों के अधिगम संवर्धन कार्यक्रम (एलइपी) की उपयोगिता का उल्लेख करते हुए बताया कि बच्चों को अभी से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी की मानसिकता तैयार करना है।
किट में मौजूद रिजनिंग बुक और जेनरल नॉलेज की बुक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी से लग जाने का संकेत है। उन्होंने कहा कि अध्यापक बच्चों के पुस्तकीय ज्ञान को बाहरी ज्ञान से जोड़कर अध्ययन करवाना चाहिए।उन्होंने कहा कि एलइपी किट अध्यापकों और विद्यार्थियों के कौशल को बढ़ावा देगा।