पंचायत चुनाव होने तक पंचायतो के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र.
रघुनाथपुर व जीरादेई विधायक ने पंचायती व्यवस्था को अफसरों के हाथों में ना देने व अवधि विस्तार के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
श्रीनारद मीडिया, प्रकाश चन्द्र द्विवेदी, सीवान (बिहार)
बिहार में पंचायती राज व्यवस्था का कार्यकाल 15 जून को खत्म हो रहा है। कोरोना संकट की वजह से समय पर चुनाव नहीं हो पा रहा है। लिहाजा राज्य सरकार अब पंचायतों की व्यवस्था अफसरों के हाथ में देने व अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है।अब सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से लगातार यह मांग की जाने लगी है कि पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया जाए। सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की।
जिसके बाद रघुनाथपुर विधायक हरिशंकर यादव व जीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पंचायत चुनाव होने तक पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए आग्रह किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी में पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं है। कोरोना के कारण राज्य महामारी की चपेट में है साथ ही संभावित बाढ़ से उत्पन्न आपदा का सामना राज्य के अधिकांश जिलों को करना पड़ता है। राज्य से जुड़े त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधिगण की भूमिका ऐसी आपदा में सार्थक एवं सराहनीय रही है।
ऐसे में यदि पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया गया तो राज्य प्रायोजित योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक सहज एवं सुलभ ढंग से उपलब्ध कराना असंभव हो जाएगा। साथ ही गांवो में विकास कार्य प्रभावित हो सकता है। इस परंपरा को जारी रखने हेतु पंचायत राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधिगण की भूमिका, अधिकार, कर्तव्य एवं शक्ति को पूर्व की तरह जारी रखने से संबंधित निर्णय राज्य हित में होगा। जब तक चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं होती तब तक के लिए पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि लोकतंत्र की परंपरा कायम रह सके।
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