सत्संग में भाग लेने से बदल जाता है जीवन : मनीष परासर
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के दीनदयालपुर बाजार स्थित रामनाजानकी मंदिर में राधाकृष्ण मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा के तत्वावधान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक मनीष परासर ने यज्ञ और सत्संग की महत्ता के साथ ही भक्ति की शक्ति प्रकाश डाला। इसका शुभारंभ सांसद पति सह हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह, पैक्स अध्यक्ष संतोष यादव, शिक्षक गोविंद रजक, पूर्व सरपंच सत्येंद्र सिन्हा, अजय मांझी, मुन्ना गिरि, रामबाबू सिंह आदि दीप प्रज्वलित कर और श्रीमद्भागवत की पूजा-अर्चना कर किया।
वहीं महायज्ञ समिति के सक्रिय सदस्य सरपंच पुत्र पप्पू सिंह ने सभी अतिथियों को पटका ओढ़ाकर सम्मानित किया। कथावाचक मनीष परासर महाराज ने कहा कि जब तक हमारे पास कर्मों की पूंजी है, तभी तक हम इसका सुख भोग सकते हैं। बाद में यहीं आना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं है।हमें यज्ञ से समाज को जोड़ने के कार्यों में लग जाना है,इसी में जीवन की सार्थकता है। और जोड़ने का कार्य अंहकार रहित मन ही कर सकता है।
उन्होंने कहा कि कि रावण चारों वेदों के ज्ञाता थे, लेकिन उसने कभी किसी की बात नहीं मानी। उनपर आजीवन अंहकार हावी रहा। बात न मानने के कारण ही उनकी दुर्गति हुई। उन्होंने कहा कि सत्संग में मति, कीर्ति, भलाई और गति मिलती है। सत्संग को जो तन और मन लगाकर सुनते हैं, उनका पूरा जीवन बदल जाता है।
सत्संग में आने से विचार, बुद्धि, कर्म और आचरण बदलता है। धीरे-धीरे सत्संग से पूरा जीवन बदल जाता है। यज्ञ में होने वाले से हवनादि से वातावरण की शुद्धि होती है और प्रवचन से मन की शुद्धि होती है। मन सात्विक होता है और सद्विचारों का उदय होता है।
इस अवसर पर ईश्वरदयाल सिंह,पूर्व सरपंच कृष्णा सिंह, राजेश चौधरी,संतोष सोनी,धनंजय गुप्ता, मुन्ना सिंह,राकेश सिंह, रजनीश केशरी,राजेंद्र यादव,भीम प्रसाद,पंकज गिरि,अक्षयवर पाठक, अरविंद सोनी,सरोज पाठक,दिलीप प्रसाद, अमरेश पाठक,रमेश गिरि सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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