पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत-पीएम मोदी

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। इस मौक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

पंडित दीनदयाल का व्यक्तित्व हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा’

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सोमवार को एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा कि मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।

पंडित दीनदयाल का जीवन राष्ट्रसेवा और समर्पण का प्रतीक: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर एक वीडियो शेयर कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय को नमन किया है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल का जीवन राष्ट्रसेवा और समर्पण का विराट प्रतीक है। जब भी मानवता के कल्याण की बात होगी, पंडित जी के एकात्म मानववाद दर्शन का सिद्धांत सम्पूर्ण मानवजाति को सदैव ध्रुव तारे की तरह मार्गदर्शित करेगा।

‘आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा है पंडित दीनदयाल के विचार’

अमित शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल का मानना था कि भोजन से लेकर विचारों तक की आत्मनिर्भरता ही राष्ट्र को विश्व में उसका स्थान दिला सकती है। आज यही संकल्प आत्मनिर्भर भारत की मूल अवधारणा है।

भारतीय राजनीति में समर्पण की प्रेरणा देते हैं पंडित दीनदयाल के विचार: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे प्रेरणास्रोत एवं प्रख्यात आर्थिक चिंतक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर मैं उन्हें अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनके विचार भारतीय राजनीति में शुचिता, समर्पण और प्रामाणिकता की प्रेरणा देते हैं। ‘एकात्म मानववाद’ के प्रणेता के रूप में उन्होंने एक ऐसा आर्थिक दर्शन विश्व को दिया है, जो विकास और उपभोग से जुड़ी अनेक समस्याओं का निवारण देता है। उनकी जयंती पर मैं उन्हें पुनः नमन करता हूं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले हुआ था। वे जनसंघ के अध्यक्ष और महासचिव भी रहे। पंडित दीनदयाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हुए थे। उनके नाम पर ही वाराणसी में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नामकरण किया गया है। उन्होंने शादी नहीं की थी। उनकी 11 फरवरी 1968 को हत्या कर दी गई थी।

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