दक्ष सती कथाप्रसंग सुनकर भावविभोर हुए श्रोता
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के ऐतिहासिक यमुनागढ़ के नवनिर्मित शिवमंदिर में शिव परिवार की प्राणप्रतिष्ठा महायज्ञ के तत्वावधान में श्रीरुद्र महायज्ञ में चल रही कथा के दौरान कथा व्यास अनूप जी महाराज ने दक्ष सती और कामदेव प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक अनूप जी महायज्ञ ने कहा कि दक्ष प्रजापति के हवन अनुष्ठान में सती अपने पति शिव का अपमान सहन नहीं कर सकी और पवित्र हवन कुंड में ही अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
इससे दुखी होकर भगवान शिव ने समाधि लगा ली और घोर तपस्या में लीन हो गए। बाद में सती ने राजा हिमालय के यहां पुत्र अगला रूप में जन्म लिया। भगवान शिव की तपस्या भंग करने के लिए लेख कामदेव को भेजा गया। कामदेव भगवान भोलेनाथ की तपस्या भंग करने में सफल रहे। इससे क्रोधित होकर शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोलकर कामदेव को भस्म कर दिया।
पति के भस्म होने के बाद उनकी पत्नी ने भोलेनाथ से विनती की कि उसके पति को इस पर शिव ने आश्वासन दिया कि द्वापर युग में भगवान कृनक रूप में कामदेव फिर जन्म लेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर द्वारा भस्म रमाने की खूब चर्चा होती है। यह भस्म जीवन की नश्वरता और पवित्रता का प्रतीक है। यह भस्म सती का भस्म है जिसे रमाकर भगवान शंकर अर्धनारीश्वर होने की सार्थकता पूर्ण करते हैं।
इस मौके पर मठाधीश रजनीश्वर दास, डॉ अनिल गिरि, समाजसेवी राजकिशोर यादव उर्फ लड्डू यादव,डॉ गुड्डू यादव, महायज्ञ समिति अध्यक्ष बाल्मीकि कुमार अश्विनी, सुशील वर्मा, मनोज कुशवाहा, उमाशंकर साह, मनोज सर,रमेश वर्मा,भीम शर्मा, बाबूलाल प्रसाद, लालसाहेब शर्मा सहित अन्य यज्ञप्रेमी, श्रद्धालु भक्त व गणमान्य मौजूद थे।
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