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मनु और सतरूपा की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोता: क्रांतिकारी नागा बाबा - श्रीनारद मीडिया

मनु और सतरूपा की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोता: क्रांतिकारी नागा बाबा

मनु और सतरूपा की कथा सुनकर भावविभोर हुए श्रोता: क्रांतिकारी नागा बाबा

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श्रीनारद मीडिया,  सिसवन, सीवान (बिहार):

सीवान जिले के सिसवन प्रखंड के जईछपरा गांव के समीप ऐतिहासिक श्री गंगा राम ब्रह्मस्थान पर चल रहें विष्णु महायज्ञ में कथा के दौरान कथावाचक क्रांतिकारी नागा बाबा ने मनु और सतरूपा प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक क्रांतिकारी नागा बाबाने कहा कि स्वयंभू मनु और शतरूपा जिनसे मनुष्य की यह अनुपम सृष्टि हुई इन्होंने भी एक बार बहुत घोर तप किए थे।

राजा उत्तान पाद के ही पुत्र थे ध्रुव जी महाराज ईनके पोते थे ऐसा अद्भुत वंश अद्भुत कुल सब कुछ था उनके पास लेकिन बस एक कमी थी घर में रहते हुए बुढ़ापा आ गया था।लेकिन एक बात की दुख है की सुख भोगते भोगते भी उनमें वैराग्य नहीं हुआ। विश्यो में मन अटका हुआ था। उम्र ऐसा हो गई की बैरागी हो जाना चाहिए था। पर ऐसा नहीं हुआ ऋषिजन कहते हैं कि वैराग होना बड़ा मुश्किल काम है शरीर से छोड़ दिया है पर मन से पकड़े हुऐ है फिर मनु और शतरूपा जी ने नैमी सारणी में जाकर बहुत तप किये। केवल साग और पत्ते फल खाकर भगवान की तपस्या की और द्वादश मंत्र का खूब जाप किये ।इनका शरीर तप करते-करते सुख गया था। लेकिन फिर भी वह तप में लिंग थे।

इस प्रकार जल का आहार कर के तप करते हुए उन्हें छः हजार वर्ष बीत गए फिर सात हजार वर्ष में वायु के आहार पर रहे। दस हजार वर्ष तक उन्होंने वायु का आहार भी छोड़ दिया।दोनों एक पैर से खड़े रहे। इनका अपार तप देखकर ब्रह्मा,विष्णु और शिवजी कई बार मनु जी के पास आए और उन्हें अनेक प्रकार के प्रलोभन दिए।

लेकिन उन्होंने आंख तक नहीं खोला है जब किसी के प्रलोभन से इनका मन नहीं डोला तो भगवान की गंभीर आकाशवाणी हुई की है मनु और सतरूपा मैं तुम्हारे तपस्या से बहुत प्रसन्न हूं वर मांगो क्या चाहते हो यह वाणी बहुत अद्भुत थी। मुर्दे को भी जिंदा कर देने वाली सुंदर वाणी कानों के छेदे से होकर जब मनु और शतरूपा जी के हृदय में गई तब राजा रानी का शरीर ऐसे सुंदर हिस्ट पुष्ट हो गए जैसे मानव अभी घर से आए हैं।

तब उन्होंने कहा भगवान हमें कुछ नहीं चाहिए आप बस ऐसी कृपा कीजिए कि जो आवाज हमें सुन रहे हैं। उनका दर्शन कर सके जैसे ही यह कामना सामने राखी तब भगवान ने मनु और शतरूपा के सामने अपने दिव्य रूप और युगल स्वरोप में प्रकट हुए हैं। भगवान वाहा राम और जानकी बनकर आए हैं।इस मौके पर साहिब दरबार के पीठाधिपति पूज्य सरकार जी, स्वामी नाथ यादव, विनय पाण्डेय, अवधेश राम,सत्यजीत कुमार पाण्डेय, विश्वजीत पाण्डेय, सत्यानंद पाण्डेय,सुरेश पाण्डेय एम एस पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर ब्रजेश कुमार सिंह, मुना कुमार यादव, अमित शर्मा, सहित अन्य यज्ञ प्रेमी, श्रद्धालु भक्त व गणमान्य लोग मौजूद थे।

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