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बंधुआ मजदूर से बदतर स्थिति में जीवन जी रहे है  रसोइया कर्मी

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वर्ष भर  विद्यालय में आठ घण्टा करते है कार्य, मजदूरी मात्र दस माह का  मिलता है 1650 रुपया

श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, छपरा (बिहार):

सारण‍ जिले के प्रखण्ड के बीआरसी परिसर में राष्ट्रीय मध्याह्न भोजन रसोइया फ्रंट के तत्वधान में रसोइया संघ की एक आवयश्क बैठक आयोजित हुई।जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष पवन शुक्ला ने किया।

बैठक में प्रखण्ड के सैकड़ो रसोइया भाग लिया।इस दौरान रसोइया के बकाए मानदेय,मानदेय में बढ़ोतरी,आगामी आंदोलन के आगाज पर विशेष रूप से चर्चा हुई।संगठन के राष्ट्रीय महासचिव राम कृपाल ने कहा कि सरकार रसोइया के प्रति संवेदन शील नही है।

रसोइया बिद्यालय में वर्षो भर आठ आठ घण्टे काम करती है,बिद्यालय के साफ सफाई,वर्तन धोना,बच्चों को खिलाना सरकार मानदेय दस माह का देती है वह भी 1650 रुपया।दिन प्रतिदिन महंगाई बढ़ रही है।

सरकार रसोइया को बंधुआ मजदुरा से बदतर जीवन जीने को विवश बना दिया है।एक दिन किसी शादी त्यव्हार में कोई जाता है तो डेढ़ से दो हजार रुपया कमाता है,इतना कम मानदेय में रसोइया देश के भविष्य छोटे छोटे ननिहालो को कैसे पाल पाएगी।

पवन शुक्ला ने कहा राज्य की सरकार हो या केंद्र की गरीब असहायों को सभी शोषण कर रहे है।रसोइया के प्रति अगर इनकी मंसूबा ठीक नही रहेगी तो रसोइया कर्मी सरकार के बिरुद्ध चरणबद्ध आंदोलन के विवश होंगे।

इस मौके पर सोनू कुमार,सरस्वती देवी,विश्व बन्धु महतो,उमेश प्रसाद,सरस्वती देवी,मालती देवी,लव कुश,धर्मनाथ साह, रमेश कुमार,शारदा देवी,सुरेश राम,शैल देवी,गीता देवी,मुनिया देवी,समेत सैकड़ो महिला उपस्थित थे।

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