भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ है भगवान श्री राम : गोविंद जी महराज
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सिवान(बिहार):
सीवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखण्ड के सोनबरसा गाँव में हनुमत प्राण प्रतिष्ठा सह शतचंडी महायज्ञ में बुधवार को संत श्री गोविन्द जी महाराज ने भागवत कथा के नवम स्कंध से राम कथा सुनाई ।
कथा के दौरान गोविन्द जी महाराज ने उपस्तिथ स्रोताओं से कहा की भगवान राम के आदर्शों का पालन करना भगवान राम की वास्तविक पूजा है । भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया क्योंकि उन्होंने बचपन से लेकर परमधाम प्रस्थान तक मन ,वाणी ,शरीर,से अपने शुभ कर्मों से ,अपने आदर्श पूर्ण चरित्र से समाज मे अपनी मर्यादा स्थापित किया ।
भगवान राम समस्त मानव जाति के लिये प्रेरणा के स्रोत हैं ।भगवान राम की लीला कथाओं को सुनकर उसे अपने जीवन मे उतार लेने से मानव जीवन धन्य हो जाता हैं।माता पिता गुरु और अपनी प्रजा के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए इसकी भी शिक्षा प्रभु श्री राम से लेनी चाहिये।वास्तव में मर्यादा और त्याग की मूर्ति है श्री राम ।अतः प्रत्येक मनुष्य को अपना ये अमूल्य मानव जीवन व्यर्थ नही गवाना चाहिये ।
चौरासी लाख योनियों में इस मानव शरीर के द्वारा ही भगवान की प्राप्ति सम्भव है । उसमें में भी ऋर्षियों के देश भारत जहाँ जन्म लेते हैं राम ,कृष्ण ,बुद्ध ,महावीर,ऋषि गर्ग, गौतम ,पाणिनि,शांडिल्य ,अत्रि , कश्यप वैसे पवित्र भारत भूमि में जन्म लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के उच्च आदर्शो पर चल कर ही अपने माता पिता गुरु सहित अपने आत्मा का उद्धार किया जा सकता है । भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ श्री राम है ।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ उमाशंकर साहू ,पूजा समिति के अध्यक्ष मुना साह , श्री राम राय ,बीरबहादुर उपाध्याय ,ओमप्रकाश चौरसिया,दिवाकर शास्त्री आदि उपस्तिथ थे ।
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