नीतीश कुमार के लिए कहीं गले की फांस न बन जाए लाल फीताशाही प्रेम!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सदन से लेकर सड़क तक नीतीश कुमार की लाल फीताशाही पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष तो हमलावर हो चुकी है, सत्ता पक्ष के भी कई नेताओं को शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव केके पाठक के प्रति नीतीश कुमार की अंधभक्ति खलने लगी है। हालात इस कदर बिगड़ चुकी है कि केके पाठक को हटाने की मांग अब सड़क से सदन के भीतर भी होने लगी है।
केके पाठक पर नहीं, इधर-उधर करने वाले पर कार्रवाई: नीतीश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर लगे तमाम आरोपों को दरकिनार कर नीतीश कुमार सदन में उनके पक्ष में खड़े हो गए। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि ईमानदार अधिकारी पर कार्रवाई नहीं करते हैं, जो इधर-उधर करेगा उसपर कार्रवाई करेंगे। वह एक ईमानदार अधिकारी हैं। स्कूल सुबह 10 से शाम के 4 बजे तक ही चलेगा। आप लोगों को पढ़ाई से कोई मतलब नहीं है। टीचर को क्लास से पहले आना ही पड़ेगा, जब सभी बच्चे चले जायेंगे तब शिक्षक घर जायेंगे, यही तरीका है। इसका पालन करना होगा।
सीएम विहीन हो गया बिहार: आरजेडी
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि पदाधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं करते हैं। वह भी सदन में दिए गए निर्देश का। ऐसा लगता है कि बिहार मुख्यमंत्री विहीन हो गया है। नीतीश कुमार की हनक समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश को एक अधिकारी अनुपालन नहीं करेगा तो गुड गवर्नेंस का क्या होगा।
हमने केके पाठक के उस पत्र को सदन के पटल पर रखा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश का सीधे-सीधे उल्लघन हैं। इस पत्र में शिक्षकों को यह निर्देश दिया कि शिक्षकों को 8.30 बजे आना है और 5.30 में जाना है। यह केके पाठक का तुगलकी फरमान है। ये अधिकारी शिक्षकों को गुलाम समझता है। ऐसे पदाधिकारी जो सरकार के निर्देश का पालन नहीं करते वैसे पदाधिकारी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरंत हटाएं।
केके पाठक को सरकार शीघ्र हटाए: संजय
बिहार विधान परिषद में एमएलसी संजय कुमार सिंह ने केके पाठक को हटाने की मांग की। सदन में उन्होंने सवाल उठाए कि क्या केके पाठक अकेले सरकार है? इस पदाधिकारी ने सरकार की इजाजत के बगैर पचासों पत्र जारी कर शिक्षा को ध्वस्त करने में लगा है। क्या ऐसे में शिक्षा सुधार का जो संकल्प इस सरकार ने ली है वह पूरा हो जाएगा। यह पदाधिकारी एक मानसिक रोगी है। यह देश के बड़े चिकित्सक ने भी कहा है। यह पदाधिकारी रहा तो सरकार की सोच को जमीन पर उतरने भी नहीं देगा।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी दिया आश्वासन
कभी शिक्षकों की मांग के समर्थन में उतरी बीजेपी भी केके पाठक को पचा नहीं पा रही है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी शिक्षकों की मांग को जायज माना है। शिक्षक प्रतिनिधि से मिलकर उन्होंने बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा, ऐच्छिक स्थानांतरण के साथ समान काम समान वेतन दिलाने का वादा किया है।
आंदोलन के मूड में आ गए संघ
संघ के पदाधिकारी भोला पासवान ने कहा कि अभी तक उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उन्होंने दो दिनों का वक्त मांगा था। वह समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है। बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले एक बैठक आहूत है। इस बैठक में अपर मुख्य सचिव केके पाठक को हटाने और अपनी मांगों के समर्थन में फिर से आंदोलन की रूप रेखा तैयार होगी। मोर्चा के द्वारा एक बार फिर क्रमिक आंदोलन के प्रस्ताव पर विचार किया गया है। इस संदर्भ में एक बार फिर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिल कर बात करेंगे। अगर कोई सकारात्मक निर्देश सरकार की तरफ से जारी नहीं होता है तो शिक्षक जेल भरो अभियान को हरी झंडी दे देंगे।
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