“मधुबनी हत्याकांड : एक आपराधिक घटना है जिसे जातीय संघर्ष का रंग देना पूरे बिहार के हित में नहीं
श्रीनारद मीडिया, के के सिंह, एकमा, सारण (बिहार )
मधुबनी नरसंहार से स्तब्ध और नि:शब्द हूँ। यह अन्तर्जातीय संघर्ष का मामला बनता जा रहा है। 1950 में सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेशों में शुमार हमारा बिहार, विकास तो दूर, कानून-व्यवस्था जैसी बुनियादी लक्ष्यों को भी नहीं प्राप्त कर सका है। महावीर, बुद्ध और गांधी की धरती पर ही आज अहिंसा की बलि चढाई जा रही है। यह कितनी बडी विडम्बना और दुर्भाग्य की बात है ? दुनिया को शांति, प्रेम और अहिंसा का संदेश देने वाला बिहार, जातीय संघर्ष की ओर अग्रसर हो रहा है। यह ऐसा संघर्ष है जिसमें कोई नहीं जीतता है और सभी का लहू-लुहान होना निश्चित है। इसलिए, इसे रोकना अतिआवश्यक है। वैसे भी क्षत्रियों का किसी से वैर नहीं होता। खासकर ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा आदर व सम्मान राजपूतों ने ही दिया है। यह एक आपराधिक घटना है जिसे जातीय संघर्ष का रंग देना पूरे बिहार के हित में नहीं है।
दोषियों को जल्द ही सलाखों के पीछे होना चाहिए। बिहार पुलिस में अनेक काबिल अधिकारी हैं। उनके नेतृत्व में SIT (Special Investigation Team) का गठन होना चाहिए। फिर भी, अगर अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है तो पूरा प्रकरण CBI को सौंप दिया जाना चाहिए क्योंकि देरी से असंतोष बढता है।
अनाथ हुए परिवार और बच्चों को राज्य सरकार द्वारा तत्काल आर्थिक सहायता दी जाय। बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए उनकी शिक्षा और रोजगार की भी स्थायी व्यवस्था की जाय।
मैं पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ और बिहार सरकार से अपील करता हूँ कि अपने राजधर्म का पालन करे।
(लेखक श्री जय प्रकाश सिंह सारण निवासी हैं और वर्तमान में शिमला में आई जी पुलिस हैं।)
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