भोजपुर में अवैध बालू खनन व ढुलाई में जब्त 11 नावें ले भागे माफिया,पुलिस को मैनेज कर हो रहा सारा खेल!

भोजपुर में अवैध बालू खनन व ढुलाई में जब्त 11 नावें ले भागे माफिया,पुलिस को मैनेज कर हो रहा सारा खेल!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भोजपुर जिले में अवैध बालू के खेल का मसला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पुलिस-प्रशासन की ओर से जब्त नावें गायब होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अवैध खनन और ढुलाई में कोईलवर पुलिस व प्रशासन की ओर से जब्त 11 नावें गायब हैं । इसे लेकर इलाके में मामले को मैनेज किये जाने की चर्चा चल रही है। सभी नावों को कुछ रोज पहले ही जिला प्रशासन की टीम की ओर से जब्त किया गया था।

गौरतलब रहे कि एनजीटी व राज्य सरकार की ओर से बालू के खनन और ढुलाई पर पूरी तरह रोक के बावजूद सोन नदी में नावों के माध्यम से बालू का धंधा निर्बाध चलता रहा है। हाल के दिनों में सरकार के कड़े रुख को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस की टीम को नदी में उतरना पड़ा था। तब मजदूरों के साथ नावें भी पकड़ी गयी थीं। आंकड़ों की मानें तो बीते 29 जून से 17 जुलाई तक कुल 14 नावें पकड़ी गयी थीं। वहीं बालू लाद रहे सैकड़ों  मजदूर पकड़े गये थे। अवैध खनन में लगे नाविकों और मजदूरों को तो जेल भेज दिया गया। लेकिन जब्त नावों को नदी किनारे छोड़ दिया गया था।

मजे की बात यह है कि रविवार की शाम तक 14 नावों में से महज तीन नावें ही कोईलवर पुलिस के कब्जे में दिख रही हैं। बाकी नावों को स्थानीय तौर पर मैनेज कर छोड़ दिये जाए जाने की चर्चा है। स्थानीय लोगों की मानें तो दिन के उजाले में कोईलवर स्थित सोन नदी में पुलिस की निगरानी में खड़ी नावों को जेसीबी से बालू खाली कर दिया जाता है। उसके बाद नावों को ठेलकर पानी मे पहुंचा दिया जाता है। इससे बड़े आराम से नाव मालिक अपनी नाव लिए वापस अपने गंतव्य स्थान को चले जाते हैं। इस काम के लिए बाकायदा घाट पर से मशीन को अंदर ले जाए जाने के लिए रास्ता का निर्माण किया गया है।

बताया जा रहा है कि पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकरियों पर काली कमाई के दाग लगने के बावजूद सरकारी नुमाइंदे आपदा में अवसर की तलाश करने से पीछे नही हट रहे। अब बालू के अवैध खनन और ढुलाई में पकड़ी गयी नावों को बगैर जुर्माना वसूल किये नावों को छोड़े जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इस पूरे खेल में  मैनेज का खेल चल रहा है।

रात के अंधेरे में गायब हो रहीं पकड़ी गई नावें

खनन विभाग के अनुसार अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी में जब्त नावें कोईलवर बालू कार्यालय के समीप नदी में खड़ी कर दी जाती हैं। नावों की देखभाल के लिए थाना के चौकीदार के अलावा वहां दिन व रात रह रहे खनन विभाग के सैप जवानों की भी जिम्मेवारी बताई जाती है। 20 लाठी बल भी तैनात किया गया है। प्राथमिकी के आधार पर विभाग द्वारा जुर्माना व न्यायालय द्वारा आदेश के बाद ही नावों को छोड़ना संभव है।

जबकि आदेश के पूर्व ही बड़े आराम से नावों का सुरक्षित रूप में जाना जारी है। हालांकि कोईलवर पुलिस ने इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि रात के अंधेरे में नदी में नावों पर सवार सैकड़ो की संख्या में लोग आते हैं और पथराव कर अपनी नाव जबरन ले कर चले जाते हैं। नदी के किनारे से जब्त नावों के दुबारा नाव मालिकों को जिम्मेनामा पर दिए जाने की बात पर थानाध्यक्ष ने ऐसी जानकारी से इनकार किया। इधर, पकड़ी गई नावों के गायब होने के बाबत एसडीओ वैभव श्रीवास्तव ने नावों से जुड़ी सभी पुख्ता जानकारी खनन व कोईलवर पुलिस को होने की बात बताई।

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