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माघ संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी  व्रत 17 जनवरी को, जाने पूजा कैसे करें - श्रीनारद मीडिया

माघ संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी  व्रत 17 जनवरी को, जाने पूजा कैसे करें

माघ संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी  व्रत 17 जनवरी को, जाने पूजा कैसे करें।

श्रीनारद  मीडिया, उत्तम कुमार, दारौंदा, सिवान, (बिहार)।

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सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में माघ संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी शुक्रवार को किया जायेगा।

गणेश चौथ के नाम से प्रचलित “संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत” माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत वैदिक पंचांग के अनुसार 17 जनवरी शुक्रवार को मनाई जायेगी।इसे संकटनाशन माघ चतुर्थी व्रत भी कहा जाता है, क्योंकि भगवान गणेश को संकटों का नाश करने वाला देवता माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा से जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं।

बगौरा निवासी पण्डित कमल किशोर पाण्डेय ने बताया कि माताएं पुत्र की दीर्घायु की कामना से गणेश चतुर्थी व्रत को श्रद्धा एवं विश्वास के साथ करती हैं। संकटनाशन माघ चतुर्थी व्रत का विशेष महत्त्व है।

उन्होंने ने कहा कि “संकष्टी” का मतलब होता हैं संकट को हरने वाला। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा से जीवन के सभी विघ्न और बधाएं दूर होती हैं।

व्रत और पूजा विधि :-

इस दिन माताएँ दिनभर उपवास रहकर शाम के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर। स्वच्छ मिट्टी से भगवान गणेश की मूर्ति बनाकर या प्रतिमा स्थापित कर घी का दीपक जलाकर विधि विधान से पूजन अर्चन करती हैं।

भगवान गणेश को लाल वस्त्र, लाल फूल , चन्दन, अक्षत, 11दूर्वा (दूब ), तील के मोदक (लड्डू ), फल और द्रव्य अर्पित करें, संकष्टी श्रीगणेश की कथा सुने और आरती करें।

उसके बाद चद्रमा भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन कर अर्घ्य अर्पित कर व्रत सम्पन्न करें।

गणेश जी अपने भक्तों को संकटों से मुक्ति दिलाते हैं । इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

नोट :- पंचांग के अनुसार चन्द्रमा भगवान का उदय रात्रि 8:48 बजे।

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