महाकुंभ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है
13 जनवरी से प्रारंभ हुआ यह आयोजन 26 फरवरी को संपन्न होगा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं, जिससे यह आयोजन विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बन गया है. अनुमान है कि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व तक यह संख्या 65 करोड़ के पार जा सकती है.
भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है. इस बार यह आयोजन 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ और 26 फरवरी को संपन्न होगा. महाकुंभ के तहत अब तक मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, बसंत पंचमी, मौनी अमावस्या और माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई है.
दुनिया भर से पहुंचे श्रद्धालु और राजनयिक
महाकुंभ में केवल भारत ही नहीं, बल्कि 73 देशों से आए राजनयिक और श्रद्धालु भी हिस्सा ले रहे हैं. भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत कई देशों के प्रतिनिधियों ने संगम स्नान कर इस पावन आयोजन का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त किया. नेपाल से 50 लाख से अधिक श्रद्धालु मां जानकी के मायके से आए और संगम में पुण्य स्नान किया.
योगी सरकार की सुव्यवस्थित तैयारियों से बना ऐतिहासिक आयोजन
महाकुंभ को भव्य और ऐतिहासिक बनाने में उत्तर प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं की अहम भूमिका रही. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार श्रद्धालुओं की संख्या 45 करोड़ से अधिक होगी, लेकिन यह आंकड़ा उनकी उम्मीदों से कहीं आगे बढ़ चुका है. 11 फरवरी तक यह संख्या 45 करोड़ को पार कर गई थी और अब 60 करोड़ के भी ऊपर पहुंच चुकी है.
स्नान पर्वों पर उमड़ी भक्तों की भीड़
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर सबसे अधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई. इसके अलावा मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़, बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ और माघी पूर्णिमा पर 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया.
महाकुंभ: आस्था, एकता और संस्कृति का संगम
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, एकता और सहिष्णुता का प्रतीक भी है. यह आयोजन यह भी दर्शाता है कि कैसे सनातन धर्म पूरी दुनिया में श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है. विश्वभर से आए श्रद्धालुओं ने महाकुंभ को एक ऐतिहासिक क्षण बना दिया है.
चार जोनल रेलवे की पूरी की तैयारी
उत्तर रेलवे ने कुल 25889 वर्ग फीट क्षेत्र में होल्डिंग क्षेत्र विकसित किया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे ने बनारस में 2200 वर्ग फुट, सिवान में 5250 वर्ग फुट, बलिया में 8000 वर्ग फुट, देवरिया में 3600 वर्ग फुट, छपरा में 10000 वर्ग फुट, गोरखपुर में 2500 वर्ग फुट का होल्डिंग एरिया बनाया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने कुल 34050 वर्ग फुट क्षेत्र में होल्डिंग एरिया बनाया है।
यहां भी बने होल्डिंग क्षेत्र
पूर्व मध्य रेलवे ने राजेंद्र नगर टर्मिनल पर 2700 वर्ग फीट और 800 वर्ग फीट के दो होल्डिंग एरिया बनाए हैं। इसके अलावा पटना जंक्शन, दानापुर, आरा, बक्सर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, बरौनी, समस्तीपुर, जयनगर, मधुबनी, रक्सौल, सकरी, दरभंगा, सहरसा, प. दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, सासाराम, गया में होल्डिंग क्षेत्र बना है। पूर्व मध्य रेलवे ने कुल 47,075 वर्ग फीट क्षेत्र में होल्डिंग एरिया बनाया है।
- यह भी पढ़े……………………..
- राष्ट्रवीर महाराजा सुहेलदेव राजभर जयंती समारोह होगी आयोजित
- 27 फरवरी को पटना में जनसुराज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बैठक