महाराष्ट्र सरकार ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ है-केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि तीन दलों के गठबंधन से चल रही महाराष्ट्र सरकार ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली यह सरकार सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.

शिव सेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गठबंधन वाली महा विकास आघाडी सरकार पर भाजपा ने यह हमला मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उन आरोपों के आलोक में किया है जिसमें उन्होंने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस के लिए प्रति महीने 100 करोड़ की वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया था.

प्रसाद ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने राज्य के गृह मंत्री के ऊपर 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का लक्ष्य देने का आरोप लगाया है.

उन्होंने पूछा, जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा? प्रसाद ने कहा, ‘महाराष्ट्र में ‘खेला’ (खेल) चल रहा है. राज्य में विकास नहीं हो रहा है बल्कि वसूली हो रही है. महाराष्ट्र सरकार को सबसे भ्रमित सरकार करार देते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार के सहयोगी दलों को ही नहीं मालूम कि राज्य में हो क्या रहा है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता में बने रहने का हक खो दिया है क्योंकि यह ‘वसूली की, वसूली द्वारा और वसूली के लिए’ सरकार है.

उन्होंने कहा, ‘पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी. वो भी छोटे मोटे नहीं बल्कि बड़े बड़े अधिकारियों की भी. प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ राकांपा नेता शरद पवार को यदि अपनी विश्वनीयता बचानी है तो उन्हें देशमुख का इस्तीफा सुनिश्चित करना पड़ेगा.

पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने आठ पन्नों के पत्र में दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से 100 करोड़ रुपये मासिक इकट्ठा करें. देशमुख ने इन आरोपों को खारिज किया है.

  • महाराष्ट्र एटीएस का खुलासा, मनसुख की हत्या में सचिन वाजे का हाथ
  • केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार को इतिहास का सबसे कन्फ्यूज सरकार बताया
  • मनसुख हत्याकांड : महाराष्ट्र एटीएस ने दमन से एक कार जब्त

मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर संदिग्ध वाहन पाये जाने और मनसुख हिरन हत्या मामले में बड़ा अपडेट आ रहा है. महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख जयजीत सिंह ने बताया कि सचिन वाजे ठाणे निवासी मनसुख हिरन की हत्या में संलिप्त था. एटीएस प्रमुख ने कहा, वो एनआईए से वाजे की हिरासत के लिए अदालत का रुख करेंगे.

इधर एटीएस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद भाजपा ने महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर बड़ा हमला बोला है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्धव सरकार को इतिहास का सबसे कन्फ्यूज सरकार बताया. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दस्तावेजों के साथ बातें कही हैं कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी और छोटे-मोटे अधिकारियों की ही नहीं, बड़े-बड़े आईपीएस अधिकारियों की भी. एनआईए ने अनुरोध किया है कि मनसुख हिरेन की मौत की जांच हमें दे दी जाए, वो जांच महाराष्ट्र सरकार ने अब तक एनआईए को नहीं दी है। इस पूरे मामले की व्यापक जांच क्यों नहीं होनी चाहिए.

रविशंकर ने कहा, महाराष्ट्र में एक अलग तरह का खेला चल रहा है. उद्धव सरकार महाराष्ट्र की सबसे कन्फ्यूज सरकार लग रही है. महाराष्ट्र सरकार को कौन चला रहा है? इस वसूली अघाड़ी की राजनीतिक दिशा क्या है? शरद पवार जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि वो गृह मंत्री देशमुख का इतना बचाव कर रहे हैं वो भी गलत तरीके से.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, मैं गृह सचिव से मिलने जा रहा हूं. मैंने जो आरोप लगाए हैं, वो पुख्ता सबूत के साथ लगाए हैं. मैं सारे सबूत दे रहा हूं. मैं मांग कर रहा हूं कि इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए. मैं सारी चीजें गृह सचिव को सौपूंगा.

मनसुख हत्याकांड : महाराष्ट्र एटीएस ने दमन से एक कार जब्त

महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने मनसुख हिरन हत्या मामले के सिलसिले में दमन से एक महंगी कार जब्त की है. एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के पंजीकरण नंबर वाली एक वॉल्वो कार सोमवार को जब्त की गई, जिसके मालिक का अभी पता नहीं चला पाया है.

इससे पहले, इस हत्याकांड के संबंध में शनिवार रात दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के बाद एटीएस ने गुजरात से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. इस व्यक्ति ने कथित तौर पर आरोपियों को सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे.

गौरतलब है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अंबानी के आवास के पास से वाहन बरामदगी के मामले की जांच कर रहा है और उसने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था. एनआईए ने अपनी जांच के तहत अभी तक पांच महंगी कारें जब्त की हैं, जिनमें दो मर्सीडीज भी शामिल हैं.

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