श्रीराम राज्याभिषेक के साथ महायज्ञ का हुआ समापन
*हवन पूजन में उमड़ी भीड़
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के गिरिधरपुर गांव में आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान महायज्ञ आज रविवार को हवन पूजन के साथ धूमधाम से सम्पन्न हो गया। इसके पूर्व गत शनिवार को कथा के अंतिम दिन सुप्रसिद्ध श्रीराम कथावाचक डॉ रमाशंकर दास जी महाराज नें श्रीराम कथा कि कहते हुए कहा कि रावण की खोज में हनुमान जी महाराज जब लंका नगरी में प्रवेश किये, तब सर्वप्रथम उनकी मुलाकात लंकनी नामक एक राक्षसी से हुई। जिन्होंने हनुमान जी को लंका में प्रवेश से रोका ,तब हनुमान जी एक मुष्टिका मारा।
मुष्टिक प्रहार से लंकनी मूर्छित हो कर जमीन पर गिर पड़ी। जब होश आये, तब लंकनी ने हनुमान जी से कहा कि हे नाथ! ब्रह्मा जी ने मुझसे कहा था कि जब किसी बन्दर के हमले से तुम मूर्छित हो जाना, तब समझ जाना कि अब लंका के विनाश का समय आ गया है।
अब मैं समझ गयी कि लंका के विनाश का समय आ गया है। इतना कह कर लंकनी अपने धाम को लौट गई। हनुमान जी ने लंका में प्रवेश करते ही लीला करना शुरू दिया और कई प्रकार की लीलाएं की। माता सीता की खोज कर भगवान श्रीराम के पास आये। सारे वृतांत भगवान को सुनाए।तब भगवान अपनी बानरी सेना के साथ समुद्र पर सेतु बनाकर लंका पर चढ़ाई कर दी व असुर रावण का बध करने के बाद माता सीता व अन्य के साथ पुनः श्रीअयोध्या जी पधारें । जहां भरत लाल जी पहले से ही भगवान के राज्याभिषेक की सभी तैयारी पूरी करके इंतजार कर रहे थे।
भगवान के अयोध्या आते ही गुरुजनों के द्वारा भगवान श्रीराम प्रभु का राज्याभिषेक किया गया। तब भगवान माता सीता संग अयोध्या पर राज करने लगे।इस अवसर पर महाराज जी ने कहा कि भगवान श्रीराम का जीवन मर्यादा से परिपूर्ण रहा मनुष्य भगवान श्रीराम का किया हुआ ही अगर करें तो उसके जीवन में किसी भी प्रकार का दुख व क्लेश नहीं रहेगा। मनुष्य जीवन में काफी खुशी व प्रसन्नता रहेगी।उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में श्रीकृष्ण का कहा हुआ करना चाहिए,श्रीकृष्ण ने जो उपदेश गीता में दिया उसका अनुशरण करना चाहिए जबकि भगवान श्रीराम नें अपने जीवन में जो कुछ भी कर्म व मर्यादा के रूप में किया उसको अपने जीवन में उतारना चाहिए,तब यह जीवन धन्य हो जाएगा।
इस अवसर पर श्रीराम राज्याभिषेक की एक दिव्य झांकी की प्रस्तुति की गई,जिसको देखकर लोग भावविह्वल हो उठे। इस अवसर पर युवा कथा वाचक सुशील विनायक सूर्यवंशी, विहिप के जिला सह मंत्री परमेश्वर कुशवाहा, अमित कुमार सिंह, डॉ सत्येंद्र कुमार गिरा,उपेंद्र भारती ,प्रभु गिरी जी,सुजीत कुमार डबलू के अलावे हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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