बड़े हवाई हादसे, जिनका शि‍कार हुईं प्रमुख भारतीय हस्‍तियां.

बड़े हवाई हादसे, जिनका शि‍कार हुईं प्रमुख भारतीय हस्‍तियां.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सीडीएस जनरल बिपिन रावत की बेवक्त मौत से पूरा देश सकते में है। तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हुए एमआई17 वी5 हेलीकाप्टर हादसे में कुल 13 लोगों की मौत की पुष्टी की गई है। वहीं गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का सेना के एक अस्पताल में इलाज जारी है। हादसे के वक्त सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी उनके साथ मौजूद थी। यह पहली घटना नहीं है जब किसी विशिष्ट व्यक्ति की हवाई दुर्घटना में मौत हुई है। पहले भी कई दिल दहला को देनेवाले हादसे हो चुके हैं।

सुभाष चंद्र बोस: नेता जी की मौत के कारणों के पीछे विवाद के बावजूद, यह एक लोकप्रिय धारणा है कि स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 1945 में ताइवान में एक हवाई दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

संजय गांधी: देश की तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की 23 जून 1980 में एक हवाई दुर्घटना में मौत हो गई थी। संजय गांधी दिल्ली फ्लाइंग क्लब का नया विमान उड़ा रहे थे, जो दिल्ली के सफदरजंग हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

माधवराव सिंधिया : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधवराव सिंधिया की 30 सितंबर 2001 को एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह हादसा यूपी के मैनपुरी जिले की भोगांव तहसील के पास हुआ था। सिंधिया एक सभा को संबोधित करने के लिए कानपुर जा रहे थे, उन्होंने जिंदल ग्रुप के 10 सीटों वाले एक चार्टर्ड विमान सेस्ना सी-90 ने नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान भरी थी। उनके साथ 7 अन्य लोगों की भी मौत हुई थी।

वाई.एस. राजशेखर रेड्डी: 2 सितंबर 2009 को आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी समेत 4 अन्य लोग को लेकर उड़ा हेलीकॉप्टर नल्लामाला वन क्षेत्र में लापता हो गया था। सेना की मदद से दुर्घटनाग्रस्त हेलीकाप्टर को खोजा गया था। 3 सितंबर को हेलीकाप्टर का मलवा कुरनूल से 74 किलोमीटर दूर रूद्रकोंडा की पहाड़ी पर मिला था।

ओपी जिंदल और सुरेंद्र सिंह: प्रसिद्ध उद्योगपति और हरियाणा के बिजली मंत्री ओपी जिंदल की 2005 में दिल्ली से चंडीगढ़ जाते समय एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। जिंदल के साथ, राज्य के कृषि मंत्री और पूर्व सीएम बंसी लाल के बेटे सुरेंद्र सिंह की भी उसी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

दोरजी खांडू: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की मई 2011 में भारत-चीन सीमा के पास तवांग से लगभग 30 किमी दूर राज्य के एक सुदूर गाँव में एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई। पांच दिन बाद गहन खोज और बचाव अभियान के बाद खांडू का शव मिला। दस साल पहले, अरुणाचल के मंत्री डेरा नाटुंग और पांच अन्य लोग मारे गए थे, जब उनका पवन हंस विमान मई 2001 में तवांग के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

जमील महमूद : भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी के साथ आखिरी बड़ा हवाई हादसा साल 1993 में हुआ था। पूर्वी कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल जमील महमूद की भारतीय वायुसेना के ही एमआई-17 हेलीकाप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मौत हो गई थी।

पहला सवाल : सबसे बड़ा सवाल तो यही कि देश के एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यक्ति (चीफ आफ डिफेंस स्टाफ) जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा सेना का यह अत्‍याधुनिक हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त कैसे हो गया जबकि उड़ान भरने से पहले हेलीकाप्टर की पूरी छानबीन हुई होगी। एमआइ17वी5 हेलीकाप्टर एक उन्नत, दमदार और भरोसेमंद सैन्य परिवहन हेलीकाप्टर है। यह एक स्टैंडबाई हेलीकाप्टर भी है।

दूसरा सवाल : समाचार एजेंसी आइएएनएस ने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एक पूर्व अधिकारी के हवाले से कहा है कि ऐसा नहीं कि इतनी महत्‍वपूर्ण शख्‍सि‍यत को ले जा रहा हेलीकाप्‍टर की रवानगी से पहले मौसमी स्थितियों की जांच नहीं की गई होगी। यदि वेलिंगटन में मौसम खराब था तो अधिकारियों ने इसे बुलाने का फैसला किया होगा..?

तीसरा सवाल : अधिकारी ने कहा कि इस हादसे की वजह तकनीकी खराबी या मौसम हो सकता है। यदि सब कुछ सामान्य होता तो एक संभावना यह भी है कि चूंकि हेलीकाप्टर कुन्नूर के पास था। हादसे के वक्‍त यह काफी नीचे उड़ रहा होगा या पहाड़ी के ऊपर बादलों से नीचे गोता लगाया होगा।

ब्लैक बाक्स से मिलेंगे जवाब

अधिकारी ने कहा कि हेलीकाप्‍टर में ब्लैक बाक्स होगा जिसके अध्ययन से दुर्घटना के कारणों पर अधिक प्रकाश पड़ सकता है। वजहें जो भी रही हों… एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- धुंध बहुत थी। यह भी हो सकता है कि हेलीकाप्टर किसी पेड़ से टकराकर कैश हो गया हो।

कैप्टन वरुण सिंह डाल से सकते हैं हादसे के कारणों पर रोशनी

समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक हेलीकाप्टर हादसे में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शौर्य चक्र विजेता हैं। हाल में वह विंग कमांडर से प्रोन्नत होकर ग्रुप कैप्टन बने थे। वर्तमान में वह वेलिंगटन स्थित सैन्य स्टाफ कालेज में डायरेक्टिंग स्टाफ हैं। दुर्घटना से पहले के आखिरी क्षणों के बारे में वह ही विस्तार से बता सकते हैं।

…और अचानक आई तेज धमाके की आवाज

स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने तेज आवाज सुनी जो जाहिर तौर पर हादसे की आवाज थी। हादसे के बाद में हेलीकाप्टर में आग लग गई। सीडीएस जनरल रावत वेलिंग्टन में ‘डिफेंस सर्विसेज कालेज’ जा रहे थे। भारतीय वायुसेना का कहना है कि इस हादसे में CDS जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हुई है।

बेहद भरोसे मंद हेलिकाप्‍टर 

एमआइ17वी5 हेलीकाप्टर बेहद भरोसेमंद सैन्य परिवहन हेलीकाप्टर माना जाता है। इन हेलीकाप्टरों को भारतीय वायु सेना के बेड़े में 2012 में शामिल किया गया था। रूसी रक्षा कंपनी कजान द्वारा निर्मित यह हेलीकाप्टर आनबोर्ड मौसम रडार और नवीनतम नाइट विजन उपकरणों से लैस है।

नया पीकेवी-8 आटोपायलट सिस्टम से लैस

इसमें नया पीकेवी-8 आटोपायलट सिस्टम और केएनईआइ-8 एवियोनिक्स सूट भी है। यह अधिकतम 13,000 किलोग्राम वजन और 4,000 किलोग्राम का अधिकतम पेलोड ले जा सकता है। भारत ने 2008 में आपदा राहत मिशनों और परिवहन कायरें के लिए अपने हेलीकाप्टर बेड़े को मजबूत करने के लिए 80 एमआइ17वी5 मीडियम लिफ्ट हेलीकाप्टर के लिए रूस के साथ समझौता किया था। बाद में इस तरह के 151 हेलीकाप्टरों की डिलीवरी के लिए अनुबंध किया गया।

सितंबर 2011 में आई थी पहली खेप

इन हेलीकाप्टरों की पहली खेप सितंबर 2011 में भारत आई थी। फरवरी 2012 में वायुसेना ने इन्हें आपने बेड़े में शामिल किया। वायुसेना में इनको शामिल करने के पीछे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों और कार्गो को ले जाने सहित अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य था। इस हेलीकाप्टर की काकपिट बख्तरबंद है। यह हीट सीकर मिसाइल रक्षा प्रणाली के अलावा अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों और घटकों से सुसज्जित है।

जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिजाइन

रूसी सरकार की रक्षा निर्यात कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने बताया कि एमआइ17वी5 सैन्य परिवहन हेलीकाप्टर, कार्गो केबिन के अंदर या बाहरी स्लिंग पर सैनिकों, कार्गो और उपकरणों को ले जाने, सामरिक हवाई हमला बलों, टोही और तोड़फोड़ दस्तों को ड्राप करने, जमीनी लक्ष्यों को नष्ट करने और घायलों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है।

टीवी3-117वीएम इंजन से लैस

कंपनी के मुताबिक यह हेलीकाप्टर 250 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल कर सकता है। हेलीकाप्टर उन्नत टीवी3-117वीएम इंजन से लैस है। यह एमआइ-8/17 परिवार का तकनीकी रूप से सबसे उन्नत हेलीकाप्टर है। पिछली पीढ़ी के हेलीकाप्टरों की तुलना में इसमें सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग का प्रयोग किया गया है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!