14 की जगह 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति, जानिए क्यों?

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कुंडली के दोष ऐसे होंगे दूर, पढ़ें स्नान और दान का महत्व

श्रीनारद मीडिया,स्टेट डेस्क

नई दिल्ली,  हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इसका कारण यह है कि सूर्य देव 14 जनवरी की रात में 2:44 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। उदयातिथि के अनुसार, 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है। इस दिन से शुभ कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने से कुंडली के दोष दूर होते हैं और सुख-समृद्धि आती है। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, चूड़ा दही आदि का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।

स्नान और दान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन स्नान करने से कई तरह के रोग दूर होते हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष लाभ होता है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, चूड़ा दही आदि का दान करना चाहिए। दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और कुंडली के दोष दूर होते हैं।

मकर संक्रांति के दिन के शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन के कुछ शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • पुण्य काल: सुबह 7:15 बजे से शाम 5:46 बजे तक
  • महापुण्य काल: सुबह 7:15 बजे से सुबह 9:00 बजे तक

इन मुहूर्तों में स्नान और दान करना विशेष लाभदायी होता है।

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