मालदीव भारत से 15 मार्च तक सेना को वापस बुलाने को कहा
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क
नई दिल्ली: मालदीव ने भारत से अपने सैन्य कर्मियों को 15 मार्च तक वापस बुलाने का अनुरोध किया है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल नवंबर में पदभार ग्रहण करने के बाद ही भारत से सैनिकों को वापस बुलाने का आह्वान किया था।
मालदीव सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि “मालदीव एक संप्रभु देश है और वह अपने घरेलू मामलों पर किसी भी बाहरी देश के हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
इस बीच, भारत ने कहा है कि वह मालदीव की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और वह इस मुद्दे पर मालदीव के साथ बातचीत जारी रखेगा।
भारत-मालदीव संबंधों में तनाव
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन समर्थक नेता माना जाता है। उनके चुनाव के बाद से, भारत और मालदीव के बीच संबंधों में तनाव बढ़ गया है।
मुइज्जू ने हाल ही में चीन की यात्रा की और 100 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों में रक्षा सहयोग, व्यापार और निवेश शामिल हैं।
भारत के लिए चिंता
भारत के लिए मालदीव में अपने सैन्य उपस्थिति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। मालदीव हिंद महासागर में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान रखता है।
भारत का मानना है कि मालदीव में भारतीय सैन्य उपस्थिति क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करती है।
भविष्य का क्या है?
यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि भारत और मालदीव इस मुद्दे पर एक समझौता कर पाएंगे या नहीं।
यदि भारत सैनिकों को वापस बुलाता है, तो यह भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक हार होगी। यह चीन को हिंद महासागर में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर देगा।