असम पलायन करने वाले बच्चों पर बाल आयोग ने रिपोर्ट मांगी.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की वजह से राज्य छोड़कर असम पलायन करने वाले बच्चों पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने असम के धुबरी और कोकराझार जिले के प्राधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे उन शिविरों का दौरा करें, जहां पर खबर है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के पश्चात हिंसा के बाद वहां से भागकर आये बच्चे रह रहे हैं.

बाल आयोग ने प्राधिकारियों से इन बच्चों की संख्या और उनके द्वारा बतायी गयी प्रताड़ना की विस्तृत् रिपोर्ट जमा करने को कहा है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. बाल अधिकारों के शीर्ष निकाय ने जिलाधिकारियों को इन बच्चों का बयान दर्ज करने और जिन मामलों में उत्पीड़न हुआ है, उनमें जीरो एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. आयोग ने मीडिया में आयी खबरों और कुछ व्यक्तियों द्वारा दी गयी जानकारी पर संज्ञान लिया है.

जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी गयी है. आरोप है कि कई व्यक्तियों या राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर कई बच्चों और उनके परिवार के साथ हिंसा की और उनका उत्पीड़न किया. बंगाल में चुनाव के बाद सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा करने का आरोप लगाया है. वहीं, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है.

बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच ठन गयी है. लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी की सरकार की मनाही के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हिंसाग्रस्त कूचबिहार जिला के कई इलाकों के अलावा असम के रनपगली कैंपों का दौरा किया, जहां बंगाल के लोगों ने शरण ले रखी है.

ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच ठनी

ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने इसके लिए राज्यपाल की आलोचना की है, जबकि श्री धनखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने हिंसा रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाये. राज्यपाल ने कहा कि संविधान की रक्षा, सुरक्षा और संरक्षण करना उनकी जिम्मेदारी है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि ममता बनर्जी कहेंगी, तो पार्टी राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए फिर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखेगी.

बंगाल चुनाव 2021 के बाद हुई हिंसा की वजह से प्रदेश से पलायन करने वालों से मिलने के लिए राज्यपाल जगदीप धनखड़ शुक्रवार (14 मई) को असम के रनपगली कैंप पहुंचे. अगोमनी इलाके के रनपगली कैंप में शरण लेने वाले बंगाल के लोगों का गवर्नर श्री धनखड़ ने हौसला बढ़ाया. साथ ही इन लोगों से अपील की कि सभी लोग अपने घर लौटें. बंगाल में उन्हें सुरक्षा मिलेगी. श्री धनखड़ ने कहा कि ममता बनर्जी अब चुनाव जीत चुकी हैं. उन्हें टकराव का रास्ता छोड़ देना चाहिए.

रनपगली कैंप में शरण लेने वाले बंगाल के नागरिकों से मुलाकात के बाद श्री धनखड़ ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोग पुलिस के पास जाने से डर रहे हैं. पुलिस वाले सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डरे हुए हैं. मैंने सभी से अपील की है कि वे अपने घर लौटें. वे बंगाल वापस आयें. अगर बंगाल में कोई गोली चलती है, तो उसे वह अपने सीने पर खाने को तैयार हैं. श्री धनखड़ ने कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ सकारात्मक माहौल में बात करेंगे.

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ममता बनर्जी को जनमत मिला है. उनकी सरकार बन चुकी है. अब उन्हें टकराव का रास्ता छोड़ देना चाहिए. मुख्यमंत्री को हिंसा रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए और प्रदेश में शांति बहाली के लिए काम करना चाहिए. इससे पहले श्री धनखड़ ने अगोमनी इलाके में शरण लेने वाले हिंसा का शिकार होकर बंगाल से पलायन करने वाले लोगों और हिंसा का शिकार हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात की. उन्हें सांत्वना दी.

इस दौरान एक बुजुर्ग हिंसा की घटना बताते हुए राज्यपाल से लिपटकर बिलख-बिलखकर रोने लगा. इस पर गवर्नर ने बुजुर्ग और अन्य पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद देने का विश्वास दिलाया. रनपगली कैंप में रह रहे बंगाल के लोगों ने राज्यपाल को बताया कि 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद वे लोग भागकर यहां आ गये. उनका कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उनके घरों में तोड़फोड़ की.

इस पर श्री धनखड़ ने कहा कि अगर अब बंगाल में हिंसा होगी, तो पहली गोली वह अपने सीने पर खाने के लिए तैयार हैं. सभी अपने-अपने घर को लौटें. उन्हें पूरे सम्मान के साथ अपने घर में जीने का अधिकार है. इसके लिए वह प्रदेश की मुखिया ममता बनर्जी से बात करेंगे. श्री धनखड़ सड़क मार्ग से ही उत्तर बंगाल के कूचबिहार से असम के अगोमनी स्थित रनपगली कैंप पहुंचे. बंगाल चुनाव 2021 के बाद हुई हिंसा से पीड़ित लोगों से मुलाकात की.

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