ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को लगातार तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री पद की शपथ लीं। राजभवन में एक शादे समारोह में सुबह 10.45 बजे राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। ममता ने अपने पारंपरिक अंदाज में बांग्ला में शपथ लीं। ममता ने फिलहाल अकेले शपथ ली हैं। उनके कैबिनेट के सदस्य बाद में शपथ लेंगे। कोरोना महामारी के मद्देनजर शपथ समारोह में मात्र 50 लोगों को ही आमंत्रित किया गया था।
इसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं व अन्य विशिष्ट लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन चुनाव नतीजों के बाद जारी हिंसा के चलते भाजपा ने समारोह का बहिष्कार किया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष शपथ समारोह में नहीं गए। भाजपा के अलावा कांग्रेस व वाम दलों के भी कोई नेता समारोह में नहीं दिखे। ममता ने पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य समेत बीसीसीआइ सौरव गांगुली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस को भी आमंत्रित किया था लेकिन इनमें से कोई भी नहीं पहुंचे।इस दौरान सिर्फ तृणमूल कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता व कई सांसद सहित ममता के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मौजूद रहे। गौरतलब है कि 2011 और 2016 से भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए तृणमूल ने 292 में से 213 विधानसभा सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है। जिसके बाद ममता तीसरी बार सत्ता की बागडोर संभाली हैं।
नवान्न पहुंचने पर मुख्यमंत्री को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
राजभवन में शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीधे राज्य सचिवालय नवान्न के लिए रवाना हो गईं। नवान्न पहुंचने पर कोलकाता पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उसके बाद ममता ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोरोना को लेकर उन्होंने कई बड़े निर्णय लिए।
पीएम मोदी ने दी ममता को बधाई, सीएम ने किया धन्यवाद
इधर, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके ममता को बधाई दी। ममता ने भी पीएम का इसके लिए धन्यवाद किया।
17 वीं विधानसभा के गठन के साथ ममता बनर्जी ने बुधवार को तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली। अब बंगाल सरकार ने शनिवार को बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी और इसी दिन विधानसभा अध्यक्ष का भी चुनाव होगा।
बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 292 सीटों में से 213 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि भाजपा को 77 सीटें मिली हैं। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को फिर से अध्यक्ष बनाने की घोषणा की है। वह तृणमूल के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारी होंगे। आठ मई को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचन होगा। इस बीच पूर्व मंत्री व तृणमूल के वरिष्ठ नेता सुब्रत मुखर्जी को प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई गई है। वह छह मई से सात मई तक नवनिर्वाचित विधायकों को विधानसभा सदस्यता की शपथ दिलाएंगे।
विधानसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी नवनिर्वाचित विधायकों को विधायक निर्वाचित होने पर चुनाव आयोग द्वारा दिए गए सर्टिफिकेट के साथ-साथ चार अपनी तस्वीर लाने के लिए कहा गया है। प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित विधायकों की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे।
बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही लगातार जारी हिंसा को लेकर चारों तरफ से उठ रही आवाजों के बीच बुधवार को लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभालते ही ममता बनर्जी ने कड़ा संदेश दिया। राजभवन में सुबह 10:45 बजे शपथ लेने के तुरंत बाद ममता ने अपने पहले संबोधन में ही सभी से शांति की अपील करते हुए कहा कि हिंसा फैलाने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा। ममता ने साफ कहा कि हिंसा की घटना को वह बर्दाश्त नहीं करेंगी।
इधर, राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ममता और राज्यपाल के बीच तल्ख़ियां साफ देखी गईं। ममता के शपथ लेने के तुरंत बाद उस समय अभूतपूर्व स्थिति देखी गई जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने बधाई संबोधन में ही ममता को हिंसा के मुद्दे पर नसीहत दे डाली। राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं है। राज्य में कानून का राज होना चाहिए और राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता हिंसा को रोकना हो। मैं उम्मीद करता हूं कि ममता बनर्जी संविधान के अनुसार चलेंगी।
इसके बाद ममता ने भी राज्यपाल को जवाब देते हुए कहा कि राज्य में पिछले तीन महीने से कानून-व्यवस्था सहित शासन की बागडोर चुनाव आयोग के हाथ में था। इस अवधि में आयोग ने डीजीपी से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारियों को बड़े पैमाने पर बदल दिया था। अब मैं अभी-अभी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हूं और नए सिरे से व्यक्तिगत रूप से कानून और व्यवस्था के मुद्दों को देखूंगी और सुनिश्चित करूंगी कि राज्य में शांति कायम हो। ममता ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 से मुकाबला है। इसके बाद कानून व्यवस्था को ठीक करना व शांति बहाली उनकी प्राथमिकता है।
ममता ने कहा- ‘मैं सभी राजनीतिक दलों से शांति सुनिश्चित करने की अपील करती हूं। बंगाल को हिंसा पसंद नहीं है। अगर किसी भी दल के व्यक्ति ने हिंसा की तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मैं शांति के पक्ष में हूं और रहूंगी।’ ममता ने इस दौरान यह भी कहा कि चुनाव आयोग द्वारा जिन अधिकारियों को हटाया गया था उनकी उस पद पर फिर से तैनाती की जाएगी।
राज्यपाल व ममता के बीच पुरानी है तकरार
बताते चलें कि साल 2019 में राज्यपाल का पद संभालने के बाद से ही धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच टकराव जारी है।विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच लगातार टकराव देखा गया है।
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