मनुष्य को ईश्वरीय अंश रूपी देवी देवताओं से सीख लेनी चाहिए
श्रीनारद मीडिया, रिजवान उर्फ राजू, सिधवलिया, गोपालगंज (बिहार):
मनुष्य को ईश्वरीय अंश रूपी देवी देवताओं से सीख लेनी चाहिए l क्योंकि भगवान शिव और भगवान विष्णु रूपी श्रीराम एक दुसरे को सम्मान देते हुए अपना अपना भगवान मानते थे l ठीक उसी प्रकार मनुष्य को भी एक दूसरे को सम्मान देते हुए प्रेम देना और लेना चाहिए l
उक्त बातें प्रखंड के हरपुर टेंगराही गांव स्थित नवनिर्मित हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्री मारूतिनंदन महायज्ञ में सुश्री तेजसि जी अपने प्रवचन देने के दौरान कही l उन्होंने ने कहा कि भगवान शिव विष्णु रूपी श्री राम को काफ़ी सम्मान देते हुए अपना भगवान मानते थे l
ठीक उसी प्रकार श्रीराम ने भगवान शिव को सम्मान देते हुए अपना भगवान मानते थे l जब श्रीराम का जन्म हो गया था, श्री राम का दर्शन करने भेष बदलकर भगवान शिव आए थे l इनसे डरकर माता कौशल्या ने श्रीराम को छुपा दिया जिसका परिणाम था श्रीराम काफी चिल्लाकर रोने लगे जिससे सभी लोग घबरा गए l भगवान शिव को को समझ में आ गई l वे अपने वास्तविक भेष में आए l
माता कौशल्या सहित सभी लोगों ने भगवान शिव को प्रणाम किया और सम्मान के साथ अबोध बालक श्रीराम को उनके समक्ष लाए l जिससे श्रीराम और भगवान शिव एकदूसरे को देखकर मंद मंद मुस्कुराने लगे l जिससे सभी लोग खुश हो गएl
प्रवचन से पूर्व तेजेश्वर मिश्रा, अंकेश मिश्रा, डॉक्टर ओ पी तिवारी, राजनारायण सिंह, शुभ नारायण सिंह, अजय सिन्हा, रितेश मिश्रा तथा अन्य लोगों ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया l मौके पर, अकेश यादव, अभिषेक दूबे बादल, बिट्टू, धर्मेंद्र मिश्रा सहित अन्य भक्त उपस्थित थे l
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