मांझी कर रहे ब्राह्मण-दलित एकता भोज की व्यवस्था.

मांझी कर रहे ब्राह्मण-दलित एकता भोज की व्यवस्था.

मांझी की बुद्धि ठीक करने के लिए बगलामुखी जाप.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी 27 दिसंबर को ब्राह्मण दलित एकता भोज का आयोजन कर रहे हैं। इसे लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है। आयोजन पटना में मांझी आवास पर होगा। भोज करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि पिछले दिनों पूर्व CM ने ब्राह्मणों के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। उस टिप्पणी के डैमेज को कंट्रोल करने के लिए इसका आयोजन किया गया है।

मांझी ने एक बार ब्राह्मणों से माफी मांगी, लेकिन दूसरी ओर यह कह दिया कि हम ऐसे ब्राह्मणों से माफी नहीं मांग रहे हैं जो मीट मछली और दारू का सेवन करते हैं। ऐसे में जो मिट मछली और शराब का सेवन नहीं करते हैं उनके लिए हम भोज का आयोजन करेंगे। इस भोज में वैसे ही सात्विक ब्राह्मण शामिल होंगे।

पटना में जीतन राम मांझी के आवास पर जो भोज आयोजित किया जा रहा है, उसमें बेतिया के चनपटिया से खुशबूदार चूड़ा मंगाया जाएगा। दही की व्यवस्था की जाएगी, गुड और भूरा की व्यवस्था की जाएगी। मांझी गया जिले के रहने वाले हैं तो गया के तिलकुट की व्यवस्था की जाएगी। भोज में गोभी, आलू, मटर की बिना प्याज और लहसुन वाली सब्जी बनेगी। हम पार्टी के प्रवक्ता अमरेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, भोज में सात्विक ब्राह्मण आएंगे, इसलिए बिना प्याज लहसुन वाला भोज तैयार किया गया है।

चूड़ा-दही पॉलिटिक्स शुरू

मांझी ने मकर सक्रांति से पहले इस भोज का आयोजन करके चूड़ा दही पॉलिटिक्स की शुरुआत कर दी है। इससे पहले ब्राह्मण संगठन के कई नेताओं ने भोज में नहीं जाने का आह्वान किया है। मांझी का जीभ काटने पर इनाम की घोषणा करने वाले BJP से निष्कासित नेता गजेंद्र झा ने ऐलान किया है कि इस भोज में जाने वाले ब्राह्मण यदि भोजन करते हैं तो वह गौ मांस के बराबर होगा। झा ने यह भी कहा था यदि वह बिना शर्त माफी नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ आंदोलन होगा।

वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (से.) की ओर से 27 तारीख को साढ़े 12 बजे ब्राह्मण-दलित भोज के लिए पोस्टर लग गया है। दूसरी ओर 27 तारीख को ही पटना के विजय राघव मंदिर में शाम 6 बजे बगलामुखी का जाप 51 पंडित सामूहिक रूप से करेंगे। विजय राघव मंदिर के पंडित संजय कुमार तिवारी ने भास्कर को बताया कि बगलामुखी का जाप इसलिए कराया जाएगा ताकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की भ्रष्ट बुद्धि ठीक हो जाए।

मांझी के भोज में शामिल होने वालों पर आपत्तिजनक टिप्पणी

उन्होंने कहा, ‘मांझी जी को किसने अधिकार दे दिया कि कौन ब्राह्मण मांस-मछली खाएगा कौन नहीं, यह तय करें। हम लोग तो लहसुन प्याज भी नहीं खाते हैं। चाहें तो ऐसे एक लाख ब्राह्मण जुटा देंगे।’ क्या जीतन राम मांझी द्वारा आमंत्रित ब्राह्मण-दलित भोज में आप लोग खाना खाने जाएंगे? इस सवाल के जवाब में पंडित तिवारी ने कहा, ‘जो @#$* (आपत्तिजनक शब्द) होगा वही न मांझी जी के यहां जाएंगा। यह काफी पहले से ही चला आ रहा है कि मांझी के यहां ब्राह्मण खाना खाने नहीं जाएंगे। जो परंपरा शुरू से बनी हुई है, वही न चलेगी।’

आर्य समाज को लिया निशाने पर

उन्होंने आर्य समाजियों को भी निशाने पर लिया और कहा, ‘नीतीश सरकार आर्य समाज के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अरूण कुमार गुप्ता, गौतम और वेद प्रकाश के बैंक खाता की जांच कराए। इन सबके पास बाहर से सनातन धर्म को बर्बाद करने के लिए पैसा आ रहा है।’

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