मन की बात:PM मोदी ने सुनाई भारत की गौरव गाथा
इस विदेशी लड़की के PM मोदी भी हैं मुरीद
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पीएम मोदी ने मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए एक बार फिर देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात कार्यक्रम के 105वें एपिसोड में उन्होंने कई विषयों पर चर्चा की। जी 20 की सफल आयोजन से लेकर भारत में लगातार बढ़ रही विश्व धरोहरों की संख्या तक पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर देशवासियों से चर्चा की। इस एपिसोड में उन्होंने देश की बेटियों और महिलाओं द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों की चर्चा भी की।
पीएम मोदी ने होयसड़ा मंदिरों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में अब World Heritage Properties की कुल संख्या 42 हो गई है। भारत का प्रयास है कि हमारे ज्यादा-से-ज्यादा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जगहों को World Heritage Sites की मान्यता मिले।पीएम मोदी ने कहा,”कुछ ही दिन पहले शान्ति निकेतन और कर्नाटक के पवित्र होयसड़ा मंदिरों को world Heritage sites घोषित किया गया है।” मैं इस शानदार उपलब्धि के लिए समस्त देशवासियों को बधाई देता हूं |”
कर्नाटक के होयसड़ा मंदिरों का उन्होंने जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा,”कर्नाटक के जिन होयसड़ा मंदिरों को UNESCO ने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। उन्हें 13वीं शताब्दी के बेहतरीन architecture के लिए जाना जाता है। इन मंदिरों को UNESCO से मान्यता मिलना, मंदिर निर्माण की भारतीय परंपरा का भी सम्मान है।”
जी20 की वजह से पर्यटन क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने जी 20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा,”साथियो, G-20 में एक लाख से ज्यादा प्रतिनिधियों (delegates) भारत आए। वो यहां की विविधता, अलग-अलग परंपराएं, भांति-भांति का खानपान और हमारी धरोहरों से परिचित हुए। यहां आने वाले delegates अपने साथ जो शानदार अनुभव लेकर गए हैं, उससे tourism का और विस्तार होगा।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा,”पर्यटन क्षेत्र (Tourism Sector) को बढ़ाने में किसी भी देश के लिए goodwill, उसके प्रति आकर्षण बहुत जरूरी है। बीते कुछ वर्षों में भारत के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ा है और G-20 के सफल आयोजन के बाद दुनिया के लोगों का interest भारत में और बढ़ गया है।”
पीएम मोदी ने सुनाई ‘आकर्षण सतीश’ की प्रेरक कहानी
मन की बात कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली हैदराबाद की बिटिया ‘आकर्षण सतीश’ की प्रेरक कहानी भी सुनाई।
उन्होंने आकर्षण सतीश का जिक्र करते हुए कहा- साथियों, मुझे हैदराबाद में लाइब्रेरी से जुड़े एक ऐसे ही अनूठे प्रयास के बारे में पता चला है। यहां सातवीं क्लास में पढ़ने वाली बिटिया या ‘आकर्षणा सतीश’ ने तो कमाल कर दिया। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि महज 11 साल की उम्र में ये बच्चों के लिए एक-दो नहीं, बल्कि, सात-सात लाइब्रेरी चला रही है।
आकर्षणा को दो साल पहले इसकी प्रेरणा तब मिली, जब वो अपने माता-पिता के साथ एक कैंसर अस्पताल गई थी। उसके पिता जरूरतमंदों की मदद के सिलसिले में वहां गए थे। बच्चों ने वहां उनसे कलरिंग बुक (Colouring Book) की मांग की और यह बात इस प्यारी बच्ची को छू गई। उसने अलग-अलग तरीकों से किताबें जुटाने की ठान ली।
उसने अपने आस-पड़ोस के घरों, रिश्तेदारों और साथियों से किताबें इकट्ठा करना शुरू कर दिया और आपको जानकर यह खुशी होगी कि पहली लाइब्रेरी उसी कैंसर अस्पताल में बच्चों के लिए खोली गई। बिटिया ने अब तक जो सात लाइब्रेरी खोली है, उनमें करीब 6 हजार किताबें उपलब्ध है।
बता दें कि पीएम मोदी हर महीने के अंतिम रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित करते हैं। यह कार्यक्रम 22 भारतीय भाषाओं में प्रसारित किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (24 सितंबर) मन की बात के 105वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और भारतीय संगीत अब ग्लोबल हो चुका है। दुनिया भर के लोगों का इससे जुड़ाव दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जर्मनी की रहने वाली 21 वर्षीय कैसमी (Cassmae) का भी जिक्र किया, जो कई भारतीय भाषाओं में गाना गाती हैं।
‘भारतीय संगीत की दीवानी हैं कैसमी’
‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि 21 साल की कैसमी इन दिनों इंस्टाग्राम पर खूब छाई हुई हैं। वह जर्मनी की रहने वाली हैं, कभी भारत नहीं आई हैं, लेकिन वो भारतीय संगीत की दीवानी हैं।
देख नहीं पाती हैं कैसमी’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैसमी जन्म से ही देख नहीं पातीं, लेकिन ये मुश्किल चुनौती उन्हें असाधारण उपलब्धियों से रोक नहीं पाई। उन्होंने कहा कि संगीत और क्रिएटिविटी को लेकर कैसमी का जुनून कुछ ऐसा था कि बचपन में ही उन्होंने गाना शुरू कर दिया। यही नहीं, अफ्रीकन ड्रमिंग की शुरुआत तो उन्होंने महज तीन साल की उम्र में कर दी।
पांच-छह साल पहले भारतीय संगीत से कैसमी का हुआ परिचय
पीएम मोदी ने कहा कि कैसमी का भारतीय संगीत से परिचय पांच-छह साल पहले ही हुआ। भारतीय संगीत ने उनको इतना मोह लिया कि वो इसमें पूरी तरह से रम गईं। उन्होंने तबला बजाना भी सीखा है। सबसे प्रेरणादायक बात तो यह है कि वे कई सारी भारतीय भाषाओं में गाने में महारत हासिल कर चुकी हैं।
‘कैसमी के जुनून की मैं हृदय से सराहना करता हूं’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति और संगीत को लेकर जर्मनी की कैसमी के इस जुनून की मैं ह्रदय से सराहना करता हूं | उनका यह प्रयास हर भारतीय को अभिभूत करने वाला है।
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