लड़की के साथ रात रंगीन करते थे बिहार पुलिस के कई अफसर–कॉलगर्ल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार पुलिस के कई अफसरों ने पूरे महकमे को शर्मसार कर दिया है। पुलिस ने दामन पर कई दाग लग गए। बात हम कर रहे हैं मधेपुरा पुलिस। यहां के कई पुलिस अफसर रात रंगीन करने के लिए बाहर से 20 साल की लड़की को मंगवाते थे। यह धंधा यहां काफी दिनों से चल रहा था। लड़की को पुलिस अधिकारी तक पहुंचाने का काम करने वाली एक महिला से जब पूछताछ की गई तो उसने कई सनसनीखेज राज खोले। इसका वीडियो लगातार वायरल हो रहा है।
मधेपुरा एसपी राजेश कुमार हाल में छुट्टी पर गए थे। मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे एसपी के चार्ज में थे। एसपी ने अपना सरकारी मोबाइल डीएसपी को दे दिया था। यह मोबाइल एक कॉलगर्ल के हाथ लग गया। कहा जा रहा है कि इस मोबाइल के अलावा एक और मोबाइल भी उसके हाथ लगा है, जो डीएसपी का है। एसपी का मोबाइल सहरसा की एक महिला के पास मिली। महिला को मोबाइल के साथ बरामद किया गया। डीआइजी कार्यालय में महिला से लंबी पूछताछ की गई।
महिला ने मधेपुरा के कई पुलिस अधिकारियों की पोल खोल दी। महिला ने कहा कि कई अधिकारी उससे लड़की मंगवाते थे। अधिकारियों की इच्छा रहती थी कि लड़की की उम्र 20 वर्ष के करीब हो। इसके बदले में उसे रुपये दिए जाते थे। लेकिन पुलिसिया धौंस के कारण रुपये काफी कम मिलते थे। कभी-कभी तो रुपये बाद में देंगे कहकर लड़की को भेज देते थे। महिला ने कहा कि एक घंटे लड़की के साथ बिताने के लिए मात्र तीन सौ रुपये दिए जाते थे। इससे ज्यादा समय अगर लड़की के साथ रहने की इच्छा हो तो पांच सौ देने होते थे। कुछ अधिकारी तो एक साथ दो-दो लड़की को बुलाते थे।
महिला के पास एसपी का मोबाइल कहां से आया, यह पूछे जाने पर उसने कहा कि वह डीएसपी के डेरा पर एक लड़की को लेकर गई थी। रिफ्यूजी कॉलोनी सुभाष चौक के पास से कॉल गर्ल को लेकर वहां पहुंची। सदर अस्पताल मधेपुरा उनका अवास है। पुलिस अधिकारी ने एक घंटे के लिए 300 रुपये देने का वादा किया। यह भी कहा कि इससे ज्यादा समय लगा तो 500 देंगे। महिला ने लड़की को पुलिस अधिकारी के पास भेज दिया। लेकिन लड़की को वापस लौटने पर पुलिस अधिकारी ने एक भी रुपये नहीं दिए। इसके बाद मौका पाकर लड़की ने दो मोबाइल पुलिस अधिकारी के कमरे से चोरी कर ली। महिला ने कहा कि वह लगातार यहां के पुलिस अधिकारियों को लड़की उपलब्ध करवा रही है।
अब जब महिला के पास मोबाइल बरामद हुए तो कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी शिवदीप लांडे काफी गंभीर हो गए हैं। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इधर, डीएसपी मुख्यालय अमरकांत चौबे इस घटना के बाद से अवकाश पर हैं। उन्होंने कहा कि उनका मोबाइल कहीं गिर गया था। मोबाइल कहां गिरा यह पता नहीं चला। किसी जरुरी काम से उन्हें आवकाश पर जाना पड़ा है। डीआइजी शिवदीप लांडे ने मधेपुरा के एसपी अमरकांत चौबे से इस संबंध बातचीत की है। उन्होंने सुपौल के एसपी को इस घटना पूरी जांच अपनी निगरानी में कराने को कहा है।
मधेपुरा एसपी के सरकारी मोबाइल की चोरी मामले में कालगर्ल कनेक्शन सामने आया है। मामले में एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हुआ, जिसमें कथित कालगर्ल सप्लायर महिला ने सनसनीखेज खुलासा किया है। अब पूरे मामले में बिहार के सिंघम मानें कोसी रेंज के डीआइजी शिवदीप वामनराव लांडे ने जांच बैठा दी है। सुपौल एसपी के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। गठित कमेटी को पूरे मामले की जांच कर 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया है। जबकि महिला का वीडियो बनाकर लीक करने वाले कर्मियों और पदाधिकारी को भी चिह्नित कर कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर डीआइजी ने जांच का आदेश दिया है। कमेटी में सुपौल के एसपी डी अमरकेश, सहरसा के डीएसपी मुख्यालय एजाज हाफिज मणि, मधेपुरा सदर अंचल के पुलिस निरीक्षक प्रशांत कुमार एवं सहरसा महिला थाना की थानाध्यक्ष प्रेमलता भूपाश्री शामिल है।
क्या है मामला
गत दिन मधेपुरा एसपी का मोबाइल चोरी हो गया था। डीआइजी ने जब मोबाइल पर काल लगाया तो स्वीच आफ आने के बाद टेक्निकल सेल की मदद से मोबाइल की खोज शुरू की गई। पता चला कि मोबाइल का लाेकेशन सहरसा है। जिसके बाद एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया। महिला का वीडियो बनाया गया जिसमें महिला कह रही है कि मधेपुरा के मुख्यालय डीएसपी के यहां कालगर्ल भेजते थे। पैसे नहीं देने पर लड़की ने मोबाइल की चोरी कर ली। यह वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जांच शुरू की गई।
डीआइजी ने क्या दिया है आदेश
डीआइजी ने जारी आदेश में कहा है कि इंटरनेट मीडिया व समाचार पत्रों में मधेपुरा के डीएसपी मुख्यालय अमरकांत चौबे के संबंध में कालगर्ल संबंधी समाचार प्रकाशित किया गया है। डीएसपी मुख्यालय के पास से एसपी मधेपुरा का मोबाइल चोरी होना तथा उसे कालगर्ल के पास से बरामद होने का उल्लेख किया गया है। इससे पुलिस की छवि धूमिल हुई है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
- – डीएसपी मुख्यालय मधेपुरा द्वारा बयान दिया गया है कि पुलिस अधीक्षक का मोाबइल मेरे पास था जो चोरी हो गया। मोबाइल चोरी होने से लेकर नया खरीदने तक विहित प्रक्रिया अपनाई गई थी। जबकि मधेपुरा एसपी द्वारा बताया गया कि उनके आने के बाद पुराना वाला ही मोबाइल दिया गया। इन दोनों के कथनों में विरोधाभाष है। उन्होंने मोबाइल व मोबाइल सिम के संबंध में तथ्यात्मक जांच का आदेश दिया है।
- – प्रसारित खबर में वायरल वीडियो देखी जा रही है। जिस कारण महिला के संबंध में विस्तृत जांच करें उसके संबंध में घटना के बारे में बताया जा रहा है वह महिला क्या करती है तथा डीएसपी मुख्यालय के पास कैसे आना-जाना होता था।
- – महिला द्वारा बताये जा रहे बातों को किसके द्वारा और कहां रिकार्ड किया गया। इस संबंध में विस्तृत जांच की जाय तथा वीडियो कहां से लीक हुआ इसका भी पता किया जाय।
- – घटना के संबंध में महिला का वीडियो बनाए जाने वाले पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मी को चिह्नित कर यह पता करने को कहा गया है कि किसके आदेश पर उनके द्वारा वीडियो बनाया गया।
- – इस प्रकरण में दोषी पाए जाने वालों के विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई सुनिश्चत की जाय।
संपूर्ण प्रकरण की जांच कर 36 घंटे के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया है। वीडियो लीक मामले में भी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जाएगी। – शिवदीप वामनराव लांडे, डीआइजी, कोसी रेंज, सहरसा।
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