PM मोदी और फुमियो किशिदा के बीच कई मुद्दों पर हुई चर्चा

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पीएम नरेन्द्र मोदी और जापानी पीएम फुमियो किशिदा की अध्यक्षता में हुई भारत-जापान शिखर वार्ता में दोनो देश अपने सैन्य व आर्थिक सहयोग को और प्रगाढ़ करने को सहमत हुए हैं।

एक वर्ष के भीतर भारत के दूसरे दौरे पर किशिदा तब आये हैं जब वैश्विक भूराजनीतिक माहौल में बहुत ही तेजी से बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में मोदी और किशिदा ने भारत व जापान को ना सिर्फ एक दूसरे का सहयोगी करार दिया है बल्कि सैन्य व आर्थिक क्षेत्र के साथ ही ऊर्जा व डिजिटल क्षेत्र में भी बहुआयामी सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है।

दोनो देशों के बीच अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए चौथी किस्त की अदाएगी करने का समझौता भी हुआ है।किशिदा व मोदी भारत व जापान के रिश्तों को कितना महत्व दे रहे हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है कि सोमवार को इनकी मुलाकात पिछले एक वर्ष की चौथी मुलाकात है।

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जी-20 बैठक में फिर हिस्सा लेने आएंगे किशिदा

मई, 2022 में दोनो की मुलाकात फिर से जापान में जी-7 बैठक के दौरान होगी। इसके लिए पीएम किशिदा ने मोदी को आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है। इसके बाद सितंबर, 2023 में किशिदा एक बार फिर भारत जी-20 बैठक में हिस्सा लेने के लिए आएंगे। यही वजह है कि मोदी ने जापान को भारत का एशिया में सबसे प्राकृतिक साझेदार बताया है जबकि किशिदा ने कहा है कि एशिया व प्रशांत क्षेत्र में शांति के लिए इन दोनो देशों के रिश्ते बहुत ही अहम है।

किशिदा से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों व अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून का राज स्थापित करने पर आधारित है। हमारे बीच रक्षा उपकरणों, स्वास्थ्य, व्यापार, तकनीक के साथ ही सेमीकंडक्टर व दूसरे संवेदनशील तकनीक में भरोसेमंद सप्लाई चेन स्थापित करने पर सार्थक बातचीत हुई है।

दोनों नेताओं ने 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश जुटाने का रखा लक्ष्य

दोनो नेताओं ने वर्ष 2022 में जापानी कंपनियों की तरफ से भारत में 3.20 लाख करोड़ रुपये के निवेश जुटाने का लक्ष्य रखा था। मोदी और किशिदा ने इस बात की समीक्षा की और पीएम मोदी ने अभी तक की प्रगित पर संतोष जताया है।

पीएम मोदी की तरफ से जापान के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है। विदेश सचिव विनय क्वात्रा का कहना है कि दोनो देशों क बीच रक्षा क्षेत्र में शोध व डिजाइनिंग से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग करने का व्यापक क्षेत्र है। रक्षा क्षेत्र में भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की योजना के तहत जापान का सहयोग लिया जा सकता है।

दोनों देश टू प्लस टू रक्षा क्षेत्र पर काम कर रहा

दोनो देशों की सभी तीनों सेनाओं के बीच अभ्यास व प्रशिक्षण को लेकर पहले से ही काम शुरु हो चुका है। दोनो देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों को मिला कर गठित समिटि टू प्लस टू रक्षा क्षेत्र में सहयोग के रोडमैप पर प्रमुखता से काम कर रहा है। बताते चलें कि जापान ने हाल ही में अपने रक्षा बजट को दोगुना करने की घोषणा की है। इससे दोनो देशों के बीच रक्षा सहयोग को लेकर संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।

जानकार बता रहे हैं कि अमेरिका के बाद जापान भारत को ही भविष्य के एक विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देख रहा है। दोनो प्रधानमंत्रियों के समक्ष जापान की मदद से बनाई जा रही अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए आर्थिक मदद की चौथी किस्त देने को लेकर समझौता भी हुआ है। इस किस्त के तौर पर 18 हजार करोड़ रुपये जापान की एजेंसी जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी (जीका) देगी।

 

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