जेडीयू के कई और विधायक भाजपा में होंगे शामिल–विजय सिन्हा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने दावा करते हुए कहा है कि जेडीयू के कई नेता और विधायक पार्टी को छोड़ने वाले हैं। इशारों-इशारों में विजय सिन्हा ने कहा कि जेडीयू के कई विधायक और नेता नीतीश कुमार का साथ छोड़ राष्ट्रवाद के साथ चलने वाली पार्टी का दामन थामेंगे।
शनिवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो कभी दर्द देखा नहीं है। वो तो दिल्ली में मंत्री थे, वहां से लौटे से सीधे मुख्यमंत्री बन गए। बहुमत सिद्ध नहीं कर पाए तो फिर से मंत्री बन गए। बहुमत आया तो फिर से सूबे के मुख्यमंत्री बन गए। नीतीश कुमार ने ना तो कभी दर्द देखा और ना ही संघर्ष किया। मंत्री बदलते रहे लेकिन मुख्यमंत्री बने रहे।
उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवाद के पथ पर बढ़ चुकी है और पार्टी राष्ट्रहित में काम कर रही है। बीजेपी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास लेकर चल रही है। नीतीश कुमार ने तो सभी का विश्वास खो दिया है। इसलिए अभी और करामात होगा। बहुत लोग भागेंगे। राष्ट्रवाद के साथ चलेंगे। अभी घबराने की जरुरत नहीं है, अभी तो प्रारंभ हुआ है।
विधायक तोड़ा है, वोट बैंक नहीं तोड़ सकते–JDU
पटना के कर्पूरी सभागार में जनता दल यूनाइटेड की तीन दिवसीय कार्यकारिणी की मीटिंग चल रही है। बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावे राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत पार्टी के सभी महत्वपूर्ण नेता उपस्थित हैं। जानकारी मिल रही है कि पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक शुरू हो चुकी है, जबकि आज 3:45 बजे से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। मीटिंग में मणिपुर प्रकरण का मुद्दा भी चर्चा में है जहाँ बीजेपी ने जदयू के 5 विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है।
इस मसले पर जेडीयू के नेता अशोक चौधरी ने बीजेपी को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा है भाजपा ने हमारे विधायकों को तोड़ लिया है, लेकिन हमारे वोट बैंक को तोड़ने में उसे कभी कामयाबी नहीं मिलेगी। कर्पूरी सभागार के बाहर मीडिया कर्मियों से बातचीत में अशोक चौधरी ने कहा की जब हम लोग गठबंधन में बीजेपी के साथ थे और उन्हें समर्थन दे रहे थे, तब हमारे विधायकों को तोड़ दिया। अब तो हम उनके खिलाफ में हैं। इसलिए बीजेपी का यह कदम चिंता का विषय नहीं है क्योंकि, मणिपुर में आज भी नीतीश कुमार की लोकप्रियता बरकरार है। यही वजह है कि पिछले चुनाव में मणिपुर में जेडीयू के छह विधायक चुने गए थे। चुनाव में पार्टी को 10% से ज्यादा वोट भी मिले थे।
अशोक चौधरी ने दावा किया कि हम अपने वोट बैंक को मणिपुर में और सुदृढ़ करेंगे और भाजपा को जनता जवाब देगी। चर्चा है कि पटना की तीन दिवसीय मीटिंग में जदयू भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कोई बड़ी रणनीति बना सकती है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर एकजुट एकजुटता बनाने का काम शुरू कर चुके हैं। इस योजना के तहत नीतीश कुमार 5 सितंबर को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने जेडीयू से बिहार का बदला मणिपुर में ले लिया है। नीतीश कुमार की पार्टी के 5 विधायकों को बीजेपी ने तोड़कर अपने साथ मिला लिया है। इस बड़े राजनीतिक फेरबदल से दोनों दलों के बीच तल्खी और बढ़ गई है। नीतीश कुमार के लिए यह बड़ा झटका है। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जदयू के सभी छह विधायकों को अपनी पार्टी में मिला था।
जेडीयू विधायकों के बीजेपी में शामिल हो जाने के बाद राज्यसभा सांसद और बिहार बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य “जेडीयू मुक्त” हो गए हैं।
इस पर जेडीयू के नेता बीजेपी पर और हमलावर हो गए हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी पर बड़ा हमला किया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर ललन सिंह ने सुशील मोदी को संबोधित करते हुए भाजपा की नैतिकता और आचरण पर सवाल उठाए हैं।
ललन सिंह लिखते हैं-
सुशील जी, आपको स्मरण कराना चाहते हैं कि अरुणाचल और मणिपुर दोनों जगह जदयू ने भाजपा को हराकर सीटें जीती थी। इसलिए जदयू से मुक्ति का दिवास्पन्न मत देखिए। अरुणाचल में जो हुआ था वह आपके गठबंधन धर्म के पालन के कारण हुआ था। और मनिपुर में एक बार फिर भाजपा का नैतिक आचरण सबके सामने है। आपको याद होगा कि 2015 में प्रधानमंत्री जी ने 42 सभाएं की, तब जाकर 53 सीट ही जीत पाए थे। 2024 में देश जुमलेबाजों से मुक्त होगा……इंतजार कीजिए।
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