सुहागिन महिलाएं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया करवा चौथ का व्रत
श्रीनारद मीडिया, उतम पाठक, दारौंदा, सीवान (बिहार):
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में सुहागिन महिलाएं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए एवं सुखी जीवन की कामना हेतु करवा चौथ का व्रत किया।
हिन्दू पंचाग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत किया जाता हैं। जिसे हम संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी, करक चतुर्थी और करवा चौथ व्रत के नाम से जानते हैं।
इस बार करवा चौथ व्रत 20 अक्टूबर रविवार को किया गया। इसी दिन रात को 7:40 बजे के बाद चन्द्र दर्शन कर चंद्रमा को अर्घ्य दिया।
अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को पूजन के समय लाल रंग के कपड़े पहन,सोलहों श्रृंगार कर चंद्रमा सहित शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय की विधि विधान से पूजन और आरती कर। पूजन से सजी हुई थाली को लेकर चन्द्र दर्शन करते हुए चंद्रमा को अर्घ्य दिया और छलनी से चंद्रमा का दर्शन किया, फिर अपने पति के हाथों जल या मिठाई ग्रहण कर व्रत सम्पन्न की।
ऐसा कहा जाता हैं कि करवा चौथ का व्रत करने से दाम्पत्य जीवन खुशहाल बना रहता हैं और जीवन भर सुख समृद्धि का आगमन होता हैं।
मान्यता के अनुसार यह व्रत सबसे पहले देवी पार्वती ने भगवान भोलेनाथ के लिए रखा था, इसके अलावा द्रौपदी ने भी पाण्डवों को संकट से मुक्ति दिलाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। यह व्रत विवाह के 16 या 17 वर्षों तक करना अनिवार्य माना जाता हैं।
इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लम्बी आयु और सेहत की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। तथा पति पत्नी के बीच एक प्रेम और विश्वास से परिपूर्ण अटूट बंधन को दर्शाता हैं।
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