*महाशिवरात्रि पर काशी में उमड़ा जनसैलाब, बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर धन्य हो रहे श्रद्धालु*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / महाशिवरात्रि पर महादेव की नगरी काशी में आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। देर रात से ही कतारबद्ध श्रद्धालुओं ने मंगला आरती के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन शुरू किये। लोग कतारबद्ध तरीके से बाबा का दर्शन और जलाभिषेक कर धन्य हो रहे हैं। इसके अलावा मणिकर्णिका घाट और दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं। महाशिवरात्रि पर विशेष पंचकोस यात्रा के यात्री बुधवार शाम से ही बनारस पहुंचना शुरू हो गए थे। मणिकर्णिका घाट पर संकल्प लेने के बाद यात्रियों ने श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन अपनी पंचकोस यात्रा प्रारम्भ कर दी थी। महादेव के जयघोष से शिव की नगरी काशी बुधवार शाम से ही गुंजायमान है। काशी पुराधिपति के विवाहोत्सव के लिए काशी सज-धजकर तैयार है। महाशिवरात्रि के ख़ास मौके पर मंगला आरती के बाद गुरुवार को आम श्रद्धालुओं के मंदिर के कपाट खोल दिए गए। भक्तों को इस वर्ष भी झांकी दर्शन दिया जा रहा है। गुरूवार को मंदिर पूरी रात खुला रहेगा और बाबा की चारों पहर आरती की जायेगी। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार प्रवेश द्वार निर्धारित किए गए हैं। मैदागिन से आने वाले भक्त छताद्वार के 20 मीटर पहले से मंदिर चौक से मंदिर के पूर्वी गेट से दर्शन कर रहे हैं और उनकी ने मणिकर्णिका गली द्वार से हो रही है। वहीं गोदौलिया से आने वाले भक्त बांसफाटक, ढुंढिराज गणेश होते हुए पश्चिमी गेट से प्रवेश कर दर्शन कर कर रहे हैं।वीआईपी, सुगम दर्शन, दिव्यांगजन छताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दूसरे गेट से दर्शन कर उसी से वापस निकाले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों के लिए सरस्वती फाटक गली से मंदिर में दक्षिणी गेट से दर्शन का इंतजाम किया गया है।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली नियमित आरती के समय में भी फेरबदल किया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंगला आरती 11 मार्च की सुबह 2:15 से 3:15 बजे तक हुई। सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। वहीं मध्यान भोग आरती दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे तक होगी।