माटा बड़ी लाल चींटी में अनेक औषधीय गुण होते है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
माटा (बड़ी लाल चिंटयो) का घर : आम के पेड़ में ये माटे (बड़ी लाल चींटी) अक्सर लगे रहते हैं। लोग जब भी कभी पेड़ पर चढ़ते है तो इस बात का ज़रूर ध्यान रखते थे कि कहीं पेड़ पर माटे तो नहीं हैं क्योंकि ये माटे बहुत खतरनाक तरीके से काटते है। जब काटते है तो पूरी जान लगा देते है उनके काटने से बहुत तेज़ दर्द होता है क्योंकि जब ये काटते हैं तो फार्मिक अम्ल का स्राव करते हैं जिसकी वज़ह से काटे गए स्थान पर जलन होती है।
माटा चींटी का घरौंदा
लाल चिंटिया सरगी वृक्ष की पत्तियों को अपनी लार से चिपका कर घोंसला बना कर रहती है. बरसात के शुरुवाती दिनो में पेड़ के पत्तियो मे एक लाल चींटी का निवास रहता है. प्रायः आम, अमरूद, साल और अन्य ऐसे पेड़ जिनमें मिठास होती है उन पेड़ों पर यह चींटियां अपना घरौंदा बनाती हैं. आदिवासी एक पात्र में चींटियों को एकत्र करते हैं.
जब कभी ज्यादा माटे काटने लगते है तो लोग गुस्से में माटे को मसल देते है हालांकि ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि प्रकृति सबको बराबर जीने का अधिकार देती है। उसकी नज़र में प्रत्येक जीव समान है। ये माटे पत्तियों को जोड़कर अपने घर को बनाते हैं जोकि वॉटरप्रूफ होता है। उनके इस घर को हम लोग स्थानीय भाषा में झोंझ कहते हैं। आज भी जब कभी पेड़ पर आम तोड़ने का अवसर मिलता है तो सबसे पहले माटे की ही याद आती है।
जानाकारों के मुताबिक इसमें अनेक औषधीय गुण हैं. यह शरीर में रोग निरोधक क्षमता विकसित करता है. इसके सेवन से आंख की रोशनी बढ़ती है. गर्मी के दिनों में यह लू लगने पर बड़ा उपयोगी है, लू से बचाव भी करता है. चेचक, खांसी, सर्दी, कफ के लिए भी फायदेमंद है.
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