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आंगनबाड़ी केंद्रों में मातृत्व वंदना सप्ताह का किया जा रहा है आयोजन

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गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को मातृत्व  वंदना योजना का मिल सकता है लाभ: राखी कुमारी

मातृत्व वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य: संजीव घोष

लाभार्थियों को तीन किस्तों में मिलती है सहायता राशि: नितिन

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना देश के विभिन्न राज्यों में भी लागू किया गया है। जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके  ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल करने में सक्षम हो सके। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए मातृत्व वंदना योजना चलायी गयी है। आईसीडीएस की डीपीओ राखी कुमारी ने बताया ज़िले में 01 र से 07 सितंबर तक मातृत्व  वंदना (सप्ताह) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिले के सभी 3433 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से सफ़ल संचालन किया जाना है। इस दौरान कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करना है। हालांकि इस वर्ष मातृव वन्दना सप्ताह, पोषण माह एवं स्वच्छता पखवाड़ा एक साथ मनाया जा रहा है। ऐसे में हर तरह की गतिविधियों को समन्वय स्थापित कर एक साथ किया जा सकता है।

मातृत्व वंदना योजना का लाभ किसके लिए है जरूरी: राखी कुमारी
आईसीडीएस की ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी राखी कुमारी ने बताया सभी तरह की गर्भवती महिला एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को मातृत्व वंदना योजना का लाभ मिल सकता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले लाभार्थी महिला की उम्र कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन ध्यान देने वाली एक बात यह भी है कि सरकारी कर्मचारी या अन्य किसी भी प्रकार की कानूनी तौर पर लाभ लेने वाली प्राइवेट कर्मचारी या फिर पहले सभी किस्तें पा चुकी महिलाओं को इसके लाभ से वंचित रहना पड़ेगा, क्योंकि सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं। जबकि प्राइवेट संस्थानों में कार्य करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है। साथ ही साथ किसी भी तरह की अन्य योजनाओं का लाभ ले रही या फिर इसी योजना के तहत लाभ ले चुकीं महिलाओं को भी मातृत्व वंदना योजना से वंचित रहना पड़ सकता है। लेकिन कुछ निश्चित श्रेणियों को छोड़कर जैसे: आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के अलावा आशा कार्यकर्ता इस योजना का लाभ लेने की  हक़दार हो सकती हैं।

मातृत्व वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य: संजीव घोष
मातृत्व वंदना योजना के जिला प्रोग्राम समन्वयक संजीव कुमार घोष ने बताया गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना होता हैं। महिलाओं को पहले छह महीने तक के लिए प्रारंभिक के साथ-साथ विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। वहीं पीएमएमवीवाई के लिए आवेदन करने के समय आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, आधार नहीं होने पर अन्य पहचान संबंधी विकल्प, राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस के खाता की पासबुक, सरकारी अस्पताल द्वारा निर्गत स्वास्थ्य कार्ड, सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य रूप से जरूरी हैं।

लाभार्थियों को तीन किस्तों में मिलती है सहायता राशि: नितिन
गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण के समय प्रथम क़िस्त के रूप में एक हज़ार रुपये की राशि दी जाती हैं, वहीं दूसरे क़िस्त के रूप में दो हज़ार रुपये की राशि प्रसव से पूर्व दी जाती हैं तो अंतिम व तीसरे क़िस्त के रूप में दो हज़ार रुपये दिया जाता है जब बच्चें का जन्म, पंजीकरण व सभी तरह के टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने के बाद लाभार्थी को दिया जाता है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान ही जननी सुरक्षा योजना के तहत एक हज़ार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाती हैं। मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत मातृत्व वंदना सप्ताह का आयोजन जिले के सभी 3433 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 01 सितंबर से 07 सितंबर तक किया जा रहा है।

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