Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
मथुरा - श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, मुस्लिम पक्ष को झटका - श्रीनारद मीडिया

मथुरा – श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, मुस्लिम पक्ष को झटका

मथुरा – श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत, मुस्लिम पक्ष को झटका

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, यूपी डेस्‍क:

मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि- शाही ईदगाह विवाद में लंबित 18 सिविल वादों की पोषणीयता पर हिंदू पक्ष को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सिविल वाद पोषणीय है। झटके पर झटका खा रही ईदगाह कमेटी हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। मुस्लिम पक्ष की ओर से सभी सिविल वादों की पोषणीयता को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन अदालत ने दिन प्रतिदिन लंबी सुनवाई की थी। इसके बाद जून में फैसला सुरक्षित कर लिया था।

हिंदू पक्ष के सिविल वाद शाही ईदगाह मस्जिद का ढांचा हटाकर जमीन का कब्जा देने और मंदिर का पुनर्निर्माण कराने की मांग को लेकर दायर किए गए हैं। दावा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर बने मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करने के बाद किया गया है। इसलिए उस विवादित स्थल पर हिंदुओं को पूजा का अधिकार है। वहीं, वादियों की विधिक हैसियत पर सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष का कहना है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और शाही ईदगाह कमेटी के बीच कोई विवाद नही है।

विवाद खड़ा करने वाले पक्षकारों का जन्मभूमि ट्रस्ट और ईदगाह कमेटी से कोई रिश्ता, वास्ता और सरोकार नहीं हैं। इसके अलावा यह भी तर्क दिया है कि ईदगाह स्थल वक्फ की संपत्ति है। 15 अगस्त 1947 को यह मस्जिद कायम थी। पूजा का अधिकार अधिनियम के तहत अब धार्मिक स्थल का स्वरूप बदला नहीं जा सकता। बरहाल, महीनों चली लंबी बहस के बाद गुरुवार को फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट ने मुस्लिम पक्षकारों को तगड़ा झटका दिया है।

इस विषय पर अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश मीडिया प्रभारी एड० रजत शर्मा (पत्रकार) ने विशेष जानकारी दी

👉🏻हिंदू पक्षकारों की दलील

* ईदगाह का पूरा ढाई एकड़ एरिया श्रीकृष्ण विराजमान का गर्भगृह है।

* शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के पास भूमि का कोई ऐसा रेकॉर्ड नहीं है।

* श्रीकृष्ण मंदिर तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण किया गया है।

* बिना स्वामित्व अधिकार के वक्फ बोर्ड ने बिना किसी वैध प्रक्रिया के इस भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया है।

👉🏻मुस्लिम पक्षकारों की दलील

– मुस्लिम पक्षकारों की दलील है कि इस जमीन पर दोनों पक्षों के बीच 1968 में समझौता हुआ है। 60 साल बाद समझौते को गलत बताना ठीक नहीं है। लिहाजा मुकदमा चलने योग्य नहीं है।

– उपासना स्थल कानून यानी प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत भी मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। 15 अगस्त, 1947 के दिन जिस धार्मिक स्थल की पहचान और प्रकृति जैसी है वैसी ही बनी रहेगी। यानी उसकी प्रकृति नहीं बदली जा सकती है।

यह भी पढ़े

दस हजार रुपये घूस लेते महिला पुलिस चौकी प्रभारी गिरफ्तार, आरोप पत्र दाखिल करने के लिए मांग रही थी रुपये

पूर्णिया के तनिष्क लूटकांड के दो लाइनर गिरफ्तार :प्लैटिनम गोल्ड और डायमंड की अंगूठी बरामद

खान सर की कोचिंग में पहुंच गई जिला प्रशासन की टीम

कोर्ट ने सुनाई 9 आरोपियों को सजा, 40 साल पहले एसएचओ को मारी थी गोली

बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा

बच्चों ने अपनी प्रतिभा को कागज पर उकेरकर शिक्षकों का मन मोहा 

डॉ शहजाद के सेवा निवृत्त होने पर दी गयी भावपूर्ण विदाई

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!