मातृत्व सुरक्षित योजना-तीन स्वास्थ्य केंद्रों में केयर इंडिया के सहयोग से खुला पोषण परामर्श केंद्र:
ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पीएमएसएमए को लेकर किया गया था जागरूक: सीएस
पीएमएसएमए को बढ़ावा देने के लिए लगातार किया जा रहा है प्रयास: डीपीएम
सरकारी स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए: डॉ नीतू
गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक पोषक तत्वों की होती हैं आवश्यकता: अमित
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन स्वास्थ्य केंद्रों में पोषण परामर्श केंद्र की हुई शुरुआत: सोमेन अधिकारी
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शनिवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच को लेकर विशेष अभियान चलाया गया। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया कि ज़िले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों सहित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, हेल्थ सब सेंटर सहित अन्य संस्थानों में जांच को लेकर विशेष इंतजाम किया गया था। एक ही जगह पर सभी तरह की जांच से संबंधित इंतजाम किया गया था। पीएमएसएमए अभियान से पूर्व हीं ज़िले की सभी आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से पोषक क्षेत्रों में जागरूकता अभियान संचालित करते हुए जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था। इतना ही नहीं केंद्र पर जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए हर तरह की सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई गई थी। अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिलास्तरीय अधिकारियों को प्रखंडवार अभियान के अनुश्रवन व निरीक्षण को लेकर प्रतिनियुक्ति की गयी थी।
पीएमएसएमए को बढ़ावा देने के लिए लगातार किया जा रहा है प्रयास: डीपीएम
डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना को बढ़ावा देने के लिहाज से प्रसव पूर्व चार बार जांच जरूरी होती है। जिले में शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व जांच सुनिश्चित कराने की कोशिशें हो रही हैं। बीते कुछ महीनों में एएनसी जांच के मामले में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास से अभियान के दौरान गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करायी जाती है। ज़िले में सुरक्षित मातृत्व, शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने को लेकर हर स्तर पर जरूरी प्रयास किया जा रहा है।
सरकारी स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए: डॉ नीतू
कसबा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला चिकित्सक डॉ नीतू ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा को शामिल करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी सेविकाओं से प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम आदि की भी जानकारी लेकर उसके लिए सतर्क रहना चाहिए। इसके साथ ही गर्भावस्था के बाद मिलने वाली सरकारी सहायता जैसे: प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड की जानकारी के साथ ही इसका लाभ उठाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान सबसे अधिक पोषक तत्वों की होती है आवश्यकता: अमित
केयर इंडिया के डीटीओ ( ऑन ) अमित कुमार ने बताया की गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था की पुष्टि के बाद से ही नजदीकी महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए। इसके साथ ही नियमित रूप से अपना चेकअप कराते रहने से जच्चा व बच्चा पूरी तरह से स्वास्थ रहता है। गर्भावस्था के आखिरी महीनों में महिलाओं को सबसे ज़्यादा पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है। आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को पूरे नौ महीने के गर्भकाल में पोषणयुक्त पोषाहार जैसे: ताजे फल, हरी सब्जियां आदि खाने की जानकारी देने के साथ नियमित स्वास्थ्य जांच का भी संदेश दिया जाता है। जिससे गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे सुरक्षित एवं स्वस्थ रह सकें।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन स्वास्थ्य केंद्रों में पोषण परामर्श केंद्र की हुई शुरुआत: सोमेन अधिकारी
केयर इंडिया के जिला जनस्वास्थ्य अधिकारी सोमेन अधिकारी ने बताया कि केयर इंडिया के द्वारा पीएमएसएमए के तहत शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के पोषण से संबंधित जानकारियों को बढ़ाने के उद्देश्य से ज़िले के तीन प्रखंडों यथा धमदाहा, बायसी एवं कसबा स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस के सहयोग से केयर इंडिया द्वारा तीनों स्वास्थ्य केंद्रों में पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई है। सफलतापूर्वक संचालन के बाद अगले महीने शेष बचे स्वास्थ्य केंद्रों में पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके माध्यम से अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को पोषण से संबंधित जानकारी देने का कार्य आंगनबाड़ी सेविकाओं को दिया गया है।
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