मौलाना अब्दुल अजीज खान थे एकता और भाईचारे के प्रतीक -प्रो डॉ वलीलुल्लाह
*पांचवे उर्स पाक पर भव्य जलसे और दस्तारबंदी का आयोजन
श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)
सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के जामिया शम्सिया तेगिया मदरसा,बड़हरिया को उरुज पर पहुंचाने वाले हजरत मौलाना अब्दुल अजीज खान मिसबाही का पांचवा उर्सपाक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत शनिवार को दिन में उनके साहेबजादे मौलना अकील खान मिसबाही की देखरेख में जुलूस निकाला गया।साथ मौलाना अब्दुल अजीज खान के मजार पर कूल,फतियाऔर कुरानखानी की गई। जिसके बाद मौलना अब्दुल अजीज खान के मजार पर चादरपोशी की गई।
इस मौके क्षेत्र के अलावा यूपी, बिहार सहित अन्य प्रदेशों से आये अकीदतमंदों ने चादरपोशी कर क्षेत्र में आपसी एकता और भाईचारे को लेकर दुआ मांगीं। वहीं शनिवार की रात में हाफिजे कुरान हुए 22 बच्चों की दस्तारबंदी की गई। शनिवार की रात में जलसे का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत नाते पाक से की गई।जि जलसे और दस्तारबंदी की सदारत मदरसा के प्रिंसिपल मौलाना इफ्तिखार अहमद उर्फ बेदम सीवानी ने की ।
जबकि कार्यक्रम का संचालन कारी एजाज और सीगबतुल्लाह ने किया। जलसे में उलेमाओं ने संस्थापक मौलाना अब्दुल अजीज खान मिसबाही की जीवनी पर बेहत तरीके से प्रकाश डालते हुए कहा कि वे हिन्दू-मुस्लिम के एकता के प्रतीक थे। उन्होंने बच्चों को मजहबी तालीम के लिए एक मदरसा कायम कर क्षेत्र में मजहबी तालीम का अलख जगाया। इस मदरसे में बिहार के अलावा अन्य प्रदेशों के बच्चे पढ़कर क़ुरआने हाफिज बनते हैं।
वहीं मुख्य अतिथि मौलाना डॉ सैयद फजीलुल्लाह सिद्दीकी चिश्ती ने कहा कि दीनी तालीम के साथ ही टेक्निकल एजुकेशन भी जरूरी है। इसलिए मदरसा की तालीम के बाद बदलते दौर की तालीम यानी टेक्निकल शिक्षा की ओर रुख करना आवश्यक है।
इसमें मौलाना वसी अहमद फैजाबादी, मौलाना अब्दुल हमीद , मौलाना अबुल हसन गोपालगंज, मौलाना डॉ सैयद फजीउल्लाह दिल्ली, मौलाना शाहिद कलीम, मौलाना रहमत अली, मौलाना इफ्तेखार उर्फ बेदम सीवानी, मौलाना हारून, मौलाना अरशद, मौलाना नूरुद्दीन, मौलाना वसीम सहित अन्य उलेमाओं ने तकरीर में अपनी-अपनी बातें रखीं। इस मौके पर सेक्रेटरी मो जलालुद्दीन अधिवक्ता, हाजी उमर, दिलशेर खान,रिजवान अहमद,मुन्ना खान,हाजी टून्ने खान, अजीमुल्लाह खान, पूर्व मुखिया नसीम अख्तर,अश्फाक खान आदि मौजूद थे।
यह भी पढ़े
कुशल शासक शिवाजी ने ही सच्चे अर्थों में स्वराज्य दिया.
महेंद्र मिसिर को याद करने का सर्वश्रेष्ठ अवसर है उपन्यास- हरिनारायण चारी मिश्र.
इसरो ने अपने उपग्रहों को लॉन्च करने हेतु पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना दिया है।
इसरो ने अपने उपग्रहों को लॉन्च करने हेतु पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना दिया है।