सर्वजन दवा सेवन पर मधेपुरा जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा मीडिया कार्यशाला का आयोजन

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कार्यशाला के आयोजन में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) ने किया सहयोग,

-20 सितंबर से चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, जिले के 21.76 लाख लोगों को दवा खिलाने का है लक्ष्य,

-लोगों को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका अहम : सिविल सर्जन

श्रीनारद मीडिया, मधेपुरा, (बिहार):

 


मधेपुरा जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा झल्लूबाबू सभागार में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन जिले के सिविल सर्जन डॉ अमरेन्द्र नारायण शाही, ए. सी. एम्. ओ. डॉ अब्दुस सलाम एवम् जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। अतिथियों का स्वागत पौधा देकर किया गया। कार्यशाला के आयोजन में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) ने सहयोग एवम् समन्वय प्रदान करने का कार्य किया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिले के सिविल सर्जन डॉ अमरेन्द्र नारायण शाही ने की। कार्यक्रम में उपस्थित प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवम् डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले में आगामी 20 सितम्बर तक सर्व जन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने इस अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मीडिया कर्मियों को इस सन्दर्भ में जन जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार के लिए सहयोग के लिए आग्रह किया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार घर-घर जाकर फिलेरिया मुक्ति की दवा दी जाती है। कोरोना महामारी के कारण पिछले साल इस अभियान का संचालन नहीं हो पाया था। बताया कि 20 सितंबर से इस अभियान के अंतर्गत आशा एवम् अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने दवा खिलाएंगी। सिविल सर्जन ने मीडिया प्रतिनिधियों के माध्यम से अपील की लोग अपने घरों के आस पास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी –

कार्यक्रम में सिविल सर्जन ने बताया फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है जिसे आमतौर पर हाथी पांव में नाम से भी जाना जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसिल में सूजन का होना होता है। प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद जरूरी दवा सेवन से इसे रोका जा सकता है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की आवश्यकता है। लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने में मीडिया की भूमिका अहम होती है। कार्यशाला में उपस्थित एसीएम्ओ डॉ अब्दुस सलाम ने मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए 2 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए निर्धारित दवा की डोज और खिलाने के तरीकों को क्रमवार तौर पर बताया। उन्होंने बताया कि यह दवा गर्भवती महिलाओं, दो वर्ष कम उम्र के बच्चे और असाध्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं खिलानी है। खाली पेट दवा के सेवन नहीं किया जाना है। एलबेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है। कार्यशाला में मीडिया द्वारा फाइलेरिया से संबंधित पूछे गए प्रश्नों का जवाब सिविल सर्जन एवम् उपस्थित अन्य स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों द्वारा दिया गया।

दवा खिलाने के लिए 1099 टीम का किया गया है गठन-

कार्यशाला में भाग ले रहे सभी प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक, डिजिटल एवम् पोर्टल मीडिया प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार सिंह ने फाइलेरिया की वस्तृत जानकारी साझा की। बताया कि इस अभियान के तहत जिले के 21 लाख 76 हजार 450 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। दवा खिलाने के लिए 1099 टीम का गठन किया गया है। जिसमें 2202 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें अपने सामने ही दवा खिलाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। दवा सेवन के बाद किसी तरह के सामान्य साइड इफ़ेक्ट से घबराने की जरूरत नहीं है। अमूमन जिनके अंदर फाइलेरिया के परजीवी होते हैं, उनमें ही साइड इफ़ेक्ट देखने को मिलते हैं। साइड इफ़ेक्ट सामान्य होते हैं जो प्राथमिक उपचार से ठीक भी हो जाते हैं।

इस प्रकार करना है फाइलेरिया उन्मूलन दवा का सेवन :

केयर इंडिया डीपीओ अम्लान त्रिवेदी ने कार्यशाला में पीपीटी की प्रस्तुति की एवम् बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा ग्रामीण महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी।

कार्यशाला में मधेपुरा जिला के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवम् डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधिगण, स्वास्थ्य विभाग के भी. डी. सी. ओ. पंकज कुमार, सीफार के डिविजनल समन्वयक आर कुमार, युगेश्वर कुमार राजा एवम् राकेश रंजन के अलावा केयर इंडिया एवम् पीसीआई के अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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