सीफार के सहयोग से सिविल सर्जन कार्यालय में मिडिया कार्यशाला का हुआ आयोजन
एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने में आवश्यक है मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका:
हाथी पांव से बचाव को सभी को सर्वजन दवा सेवन करना है जरूरी: सिविल सर्जन
शुरुआत के तीन दिन बूथ पर जबकि 14 दिनों तक प्रत्येक घरों में खिलाई जाएगी दवा: डॉ एम आर रंजन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की सफलता में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। जिसको लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के सहयोग से मीडिया कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित की गईं। कार्यक्रम में उपस्थित मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल करने के लिए जन- जागरुकता निहायत ही जरूरी है, जिसके लिए मीडिया का सहयोग अतिआवश्यक है। क्योंकि किसी भी कार्यक्रम के आयोजन में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक या टीबी न्यूज चैनल सहित वेब पोर्टल से जुड़े कर्मियों के माध्यम से जागरूकता अभियान से संबंधित कार्यों में सहयोग करने के लिए अपील किया।
शुरुआत के तीन दिन बूथ पर जबकि 14 दिनों तक प्रत्येक घरों में खिलाई जाएगी दवा: डॉ एम आर रंजन
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मणिराज रंजन ने बताया की फाइलेरिया की रोकथाम के लिए जिले के सभी प्रखंडो में आगामी 10 फ़रवरी से प्रथम तीन दिनों तक विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में बूथ लगाया जाएगा, जबकि उसके बाद 14 दिनों तक आशा व स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से प्रत्येक घर में 2 वर्ष से ऊपर के स्वस्थ लोगों को दवा खिलाई जाएगी। सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान में डीईसी एवं एलबेंडाजोल की गोलियां आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भ्रमण के दौरान दो से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली, 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली जबकि 15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं एलबेंडाजोल की एक गोली सामने खिलाई जाएगी।
फाइलेरिया से बचाव के लिए पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा सेवन जरूरी: कुंदन
पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार ने कहा कि आमतौर पर फाइलेरिया का संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। इससे शारीरिक अंगों में असामान्य रूप से सूजन होने के साथ ही सामाजिक स्तर पर दंश भी झेलना पड़ता है। क्योंकि यह एक घातक रोग है, हालांकि इससे बचाव के लिए पांच वर्षों तक साल में एक बार दवा सेवन कर आसानी से अपने आपको बचाया जा सकता है। इसलिए इससे लोगों को बचाने के लिए जन जागरूकता कर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया जाना जरूरी है।
नेटवर्क सदस्यों द्वारा सीएस और मीडिया कर्मियों के समक्ष सुनाई अपनी व्यथा:
मीडिया कार्यशाला में उपस्थित गोरेयाकोठी प्रखंड के आज्ञा गांव स्थित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की सक्रिय सदस्य 55 वर्षीय नेटवर्क सदस्य बाबंती देवी और 40 वर्षीय सबिता देवी के द्वारा संयुक्त रूप से फाइलेरिया (हाथीपांव) जैसी बीमारी से ग्रसित होने से संबंधित अनुभव को स्वास्थ्य विभाग और मीडियाकर्मियों के साथ साझा किया गया। मीडिया के माध्यम से संयुक्त रूप से अपील करते हुए कहा गया कि एमडीए कार्यक्रम के दौरान आप सभी को बढ़ चढ़ कर भाग लेकर खुद दवा का सेवन तो करना ही है। साथ ही आप अपने परिवार, आसपास या सगे संबंधियों को दवा खाने के लिए प्रेरित करेंगे। ताकि फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव और सुरक्षित रह सकें।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट, डीवीडीसीओ राजेश कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डीसी जमाल अख्तर, पीसीआई के डीएमसी फिरोज अहमद, कृष्ण देव कुमार यादव, नेटवर्क सदस्य सबिता देवी और बबुंती देवी सहित कई अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
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