नर्सेज के बिना अधूरा है चिकित्सा जगत- शकीलुर रहमान
श्रीनारद मीडिया, सुबाष कुमार शर्मा, सीवान (बिहार):
बिहार सरकार स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग ट्यूटर के पद पर पदस्थापित स्वास्थ्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता शकिलुर रहमान ने विश्व नर्सिंग दिवस के अवसर पर जिले के एक निजी नर्सिंग संस्थान में छात्राओं को संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। श्री रहमान ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नर्सेज हॉस्पिटल की रीढ़ होती है, जिसके बिना शरीर की कामना नहीं की जा सकटी है, उसी प्रकार नर्सेज के बिना चिकित्सा जगत कहीं ना कहीं अधूरा सा लगता है। क्योंकि 24 घंटा मरीज की देखभाल नर्सेज के द्वारा ही किया जाता है।
अगर नर्सेज ना होगी तो अस्पताल के बहुत सारे कार्य बाधित हो जाएंगे। कहा कि नर्सेज दिवस फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्म दिवस के अवसर पर हर साल 12 मई को धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि नर्सिंग की हर छात्र-छात्राओं को फ्लोरेंस नाइटेंगल की पूरी जीवनी को पढ़ना चाहिए। उनका पूरा जीवन एक त्याग और समर्पण की कहानी है। जिससे हम अपने नर्सिंग प्रोफेशन के साथ-साथ निजी जीवन में भी बहुत सारी सीख ले सकते हैं।
उन्होने छात्राओं को बताया कि फ्लोरेंस नाइटेंगल को ही नर्सिंग की जन्मदाता भी कहा जाता है, क्योंकि जब मलहम पट्टी करने वाला इस दुनिया में कोई नहीं था तो उन्होंने एक युद्ध के दौरान लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी। उन्होंने ही नर्सिंग की पहली स्कूल की नीव रखा था।
श्री रहमान ने समाज के हर वर्ग से आग्रह किया कि वह हर नर्सिंग स्टाफ तथा स्वास्थ्य कर्मी की इज्जत करना सीखे क्योंकि यह सभी बहुत सारे त्याग के बाद मरीजों की सेवा कर पाती है। अपने दुखी होकर भी मरीज को खुशी देने का काम करती है। यह बात उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि अक्सर कहीं ना कहीं अस्पताल में जब मरीज की हालत नाजुक होती है तो उस वक्त लोग सामाजिक रूप से अपनी मर्यादा भूल जाते हैं। फिर भी सभी की बातों को सुनते हुए हिम्मत और हौसले के साथ काम करने वाले को नर्सिंग स्टाफ कहते हैं।
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