परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी महत्वपूर्ण- क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक

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दंपतियों को परिवार नियोजन की आवश्यकताओं पर दी जा रही है जानकारी

श्रीनारद मीडिया, सहरसा, (बिहार):

सहरसा जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या स्थिरता के लिए सभी लोगों को जागरूक करना है। प्रत्येक वर्ष 11 जुलार्इ को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। जिसके तहत इस वर्ष लोगों को परिवार नियोजन संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए दो चरणों में 27 जून से 10 जुलार्इ तक दम्पति संपर्क पखवाड़ा एवं 11 जुलार्इ से 24 जुलार्इ तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन जिले में किया जाना है। इस अभियान के पहले चरण जिसमें स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लोगों को घर-घर जाकर परिवार नियोजन संबंधी जानकारी दी जा रही है। वहीं परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग एवं इसके लाभ के संबंध में जानकारी दी जा रही है।

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अभिनाश कुमार ने कहा सामान्य तौर जब भी किसी परिवार के परिवार नियोजन संबंधी जिम्मेदारियों को निभाने की बात आती है तो इसके लिए परिवार के केवल महिला सदस्य को ही जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा जाता है। जो कि गलत है। एक नियोजित परिवार की जिम्मेदारी उस परिवार के पुरुष सदस्य भी उठा सकते हैं। पुरुष बंध्याकरण इसका सबसे आसान और कारगर तरीका है। पुरुष बंध्याकरण के प्रति लोगों में फैली भ्रांतियाँ भी काफी हद तक इसके लिए जिम्मेदार है। जबकि स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण उन भ्रांतियों के बिलकुल उलट है। पुरुष बंध्याकरण में उपयोग की जाने वाली शल्य प्रक्रिया महिलाओं के परिवार नियोजन की शल्य क्रियाओं की तुलना काफी सरल और आसान है। इसलिए छोटा परिवार सुख का आधार को धरातल पर लाने के लिए पुरुषों को भी चाहिए कि वे बंध्याकरण के लिए आगे आयें और अपनी जिम्मेदारी को निभायें।

दंपतियों को परिवार नियोजन की आवश्यकताओं पर दी जा रही है जानकारी
अभिनाश कुमार ने बताया परिवार नियोजन का एक मात्र अर्थ परिवार में सदस्यों की संख्या कम करना नहीं है बल्कि परिवार नियोजन का अर्थ यह भी है कि परिवार में आने वाले सदस्यों के बीच एक खास प्रकार का अंतराल बनाया जा सके। दंपतियों को इस बात की जानकारी दी जा रही है कि वे अपने परिवार में नये सदस्यों को अनचाहे तौर पर न लायें बल्कि परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों का उपयोग करते हुए जब वे चाहें तभी अपने परिवार में नये सदस्य ला सकते हैं। जिससे उनके परिवार में आये नये सदस्य के लालन-पालन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि ऐसे कई प्रकार के विकास के विभिन्न आयामों पर प्रतिकूल प्रभाव न आने पाये। परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के उपयोग से ऐसा करना आसान है। कुछ इसी प्रकार की जानकारी दंपति संपर्क पखवारा के दौरान घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लोगों को दी जा रही है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रचार-प्रसार के साधनों का उपयोग करते हुए घर-घर जाकर परिवार नियोजन के अस्थायी साधानों की जानकारी दंपतियों को दी जा रही है।

मामूली साधनों से परिवार को किया जा सकता है नियोजित
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक ने कहा एक सुखी परिवार का आधार छोटा परिवार के लिए परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों जैसे- माला-एन, छाया, ईजी पिल्स, अंतरा, कंडोम आदि मामूली साधनों के उपयोग आसानी से करते हुए की जा सकती है। इसके उपयोग में किसी प्रकार के विपरीत परिणाम अभी तक नहीं आये हैं यानि इनका उपयोग बिलकुल सुरक्षित है। इस प्रकार एक सुखी परिवार की नींव रखी जा सकती है।

 

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