माहवारी स्वच्छता दिवस- कन्या विद्यालय की किशोरियों, आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षिकाओं ने चलाया जागरूकता अभियान

माहवारी स्वच्छता दिवस- कन्या विद्यालय की किशोरियों, आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षिकाओं ने चलाया जागरूकता अभियान

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना सिर्फ़ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पुरुषों की भी भूमिका जरूरी: डीडीसी

चुप्पी तोड़ने सहित संवेदनशील मुद्दों को लेकर एक दिवस निर्धारित किया जाना एक सकारात्मक पहल: डीपीओ

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया,  (बिहार):

जिलाधिकारी कुंदन कुमार के दिशा-निर्देश में जिले के सभी क्षेत्रों में माहवारी स्वच्छता दिवस को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसको लेकर जिला मुख्यालय स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आईसीडीएस से जुड़ी आंगनबाड़ी सेविका, महिला पर्यवेक्षिकाओं, स्कूल की प्रधानाध्यापिका, शिक्षिकाओं के साथ ही बालिकाओं द्वारा अपने-अपने हाथों में रेड डॉट का निशान बनाकर माहवारी के दौरान स्वच्छता के इस चैलेंज को स्वीकार करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

महिलाओं एवं किशोरियों को माहवारी के दौरान स्वच्छता बरतने को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष पूरी दुनिया में 28 मई को माहवारी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग एवं आईसीडीएस के अलावा अन्य सामाजिक स्तर पर कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठनों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

इस अवसर पर आईसीडीएस की डीपीओ रजनी गुप्ता, शहरी एवं ग्रामीण की सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाड़ी सेविका, स्कूल की अधीक्षिका कुमारी मेनका के अलावा स्कूली बच्चियों ने भाग लिया।

 

मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना सिर्फ़ महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं बल्कि पुरुषों की भी भूमिका जरूरी: डीडीसी
जिला उपविकास आयुक्त साहिला ने बताया कि समाज में महिलाओं के साथ भेद-भाव तब तक खत्म नहीं हो सकता जब तक पुरुष महिलाओं की समस्याओं के प्रति संवेदनशील नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अभी भी मासिक स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषय पर पारिवारिक या सामाजिक स्तर पर समुदाय के लोग खुल कर बात नहीं करते हैं। जो सोचनीय है।

सोचने वाली बात यह है कि क्या मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना सिर्फ़ महिलाओं की जिम्मेदारी है या इसमें पुरुषों की भी भूमिका जरूरी है। सामाजिक स्तर पर युवतियां व महिलाएं इस मुहिम में शामिल होकर बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेती हैं लेकिन पुरुष वर्ग अभी भी इस मुहिम का हिस्सा नहीं बने हैं। इसको लेकर हम सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।

 

चुप्पी तोड़ने सहित संवेदनशील मुद्दों को लेकर एक दिवस निर्धारित किया जाना एक सकारात्मक पहल: डीपीओ
आईसीडीएस की डीपीओ रजनी गुप्ता ने बताया कि आईसीडीएस एवं स्कूली बच्चियों के द्वारा संयुक्त रूप से अपने-अपने हाथों पर रेड डॉट बनाकर समाज की अन्य किशोरियों के बीच खुल कर बात करने का संदेश दिया गया है। जब तक मासिक स्वच्छता को लेकर हमलोग या समाज के बहुसंख्य लोग महिलाओं या युवतियों के प्रति अपना नजरिया नहीं बदलेंगे तब तक समुदाय की सोच में भी परिवर्तन आना मुश्किल सा लगता है। मासिक स्वच्छता पर किशोरियां जितनी जल्दी अपनी चुप्पी तोड़ेंगी उतना ही जल्दी समुदाय से झिझक ख़त्म होगी। जब हमलोग संवेदनशील मुद्दे या अन्य प्राकृतिक विषयों पर बेबाक होकर अपनी राय रख सकते हैं तो फिर मासिक स्वच्छता पर क्यों नहीं। इस मुहिम को समेकित बाल विकास परियोजना की सभी योजनाओ में आगे भी जारी रखने का प्रयास रहेगा।

यह भी पढ़े

नीति आयोग की बैठक का कोई मतलब नहीं-नीतीश कुमार

भाजपा  प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी के प्रथम आगमन की तैयारी के लेकर हुई समीक्षा 

पंचायत उपचुनाव में यशोदा एवं सुरेंद्र जीते  

यह संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है-अमित शाह

मशरक में हुआ सांसद खेल महोत्सव के हैंडबॉल प्रतियोगिता का आयोजन 

Leave a Reply

error: Content is protected !!