नदी संवाद से दिया दाहा को बचाने का संदेश

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जागरूकता के प्रसार के लिए विद्याभवन महिला विद्यालय में आयोजन

छात्र भी करेंगे लोगों को दाहा नदी संरक्षण के प्रति जागरूक

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

दाहा नदी संरक्षण के संदर्भ में सबसे बड़ी बात दाहा नदी के महत्व को समझना और अन्य लोगों को समझाकर जागरूक करना है। स्वाभाविक है कि नदी के महत्व को समझते ही हम सभी नदी के संरक्षण के लिए व्यक्तिगत तौर पर प्रयास करेंगे। यहीं प्रयास रंग लायेगा और नदी को बचाने के प्रयास सफल हो पायेंगे। इसी क्रम में बुधवार को नगर के विद्याभवन महिला महाविद्यालय के प्रांगण में नदी संवाद का आयोजन किया गया। इस नदी संवाद में उपस्थित छात्राओं को दाहा नदी के महत्व के बारे में बताया गया और नदी संरक्षण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए विद्याभावन महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर रीता कुमारी ने कहा कि जलीय जैव विविधता के संरक्षण के लिहाज से दाहा नदी की स्वच्छता का विशेष महत्व है। जिले की कृषि व्यवस्था के संचालन में भी दाहा नदी की विशेष भूमिका है। जिले में भू जल स्तर को कायम रखने में भी दाहा नदी बेहद महत्वपूर्ण है। हमें दाहा नदी को साफ रखने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।

शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक ने कहा कि दाहा नदी का सिर्फ आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक महत्व नहीं है अपितु इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। इसके तट पर त्योहारों के समय लोग झूमते नजर आते हैं। इस नदी के तट पर स्थानीय लोग एक जिंदगी जीते आए हैं। नदी का पुनर्जीवन और सौंदर्यीकरण रोजगार के नए आयाम को भी सृजित करेगा।

युवा चित्रकार रजनीश कुमार मौर्य ने कहा कि हमारी सिवान की गंगा दाहा नदी का अति प्राचीन और पौराणिक महत्व है। कालांतर में यह नदी गंगा मां की तर्ज पर पूजी जाती थी और नदियों को लोग आस्था को समझते हुए किसी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ नहीं फेंकते थे, उन्हें यह कृत्य पाप की अनुभूति देता था लेकिन अब नदी मां के प्रति लोगो में करुणा की जगह उदासीनता और क्रूरता भरी है, नदी को सिर्फ छठ पर्व, पीडिया और अन्य त्योहारों पर ही नाम मात्र याद किया जाता है, वैसे दाहा नदी का प्रसंग रामायण और महात्मा बुद्ध से भी जुड़ता दिखाई देता है। इसलिए इस नदी के प्रति आस्था और संरक्षण की भावना सभी में होनी चाहिए।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रीता कुमारी, डॉ. रीता शर्मा, डॉ. पूजा कुमारी, डॉ. पूजा तिवारी, डॉ. अंशिका सिंह, डॉ. संजीवनी आर्या, डॉ. निधि त्रिपाठी, डॉ गणेश दत्त पाठक, श्रीमती स्वाति सिन्हा, श्री जितेंद्र कुमार प्रसाद, डॉ. पल्लवी निशा, संगीता कुमारी, कन्हैया प्रसाद, मुन्ना, युवा चित्रकार रजनीश मौर्य, समाजसेवी अनमोल कुमार, सूरज कुमार आदि उपस्थित रहे।

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